लापरवाही. महज छह घंटे में 83 महिलाओं की नसबंदीचार अधिकारी निलंबित, दर्ज होगी एफआइआरपोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा : मौत का कारण हाइपोवॉलूमिक शॉक या सेप्टिक शासकीय परिवार कल्याण स्वास्थ्य विभाग द्वारा बिलासपुर के सकरी गांव स्थित नेमीचंद जैन अस्पताल लगी थी शिविर मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और पीडि़तों को 50-50 हाजर रुपये की सहायता देने की घोषणा एजेंसियां, बिलासपुरछत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में कथित रूप से नसबंदी के बाद आठ महिलाओं की मौत हो गयी है और करीब 50 महिलाएं अस्पतालों में भरती हैं. इनमें 32 की स्थिति नाजुक बतायी जा रही है. ग्रामीणों का आरोप है कि शिविर में मौजूद एक मात्र डॉक्टर अपने सहयोगी के साथ छह घंटे में 83 महिलाओं का ऑपरेशन किया. जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिये हैं. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने लापरवाही बरतनेवाले स्वास्थ्य विभाग के चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. चारों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करायी जायेगी. बिलासपुर के कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल परेदशी ने मंगलवार को बताया कि जिला अस्पताल, छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) और अपोलो अस्पताल में 50 से भी अधिक महिलाएं भरती है. मृत महिलाओं में से एक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत का कारण हाइपोवॉलूमिक शॉक या सेप्टिक बताया जा रहा है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल गंभीर मरीजों से मिलने सिम्स अस्पताल पहुंचे तथा यहां उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और पीडि़तों को 50 -50 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की. वहीं, मुख्यमंत्री रमन सिंह ने घटना पर दुख जताया और कहा कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होगी तथा किसी भी दोषी व्यक्ति को बख्शा नहीं जायेगा. मुख्यमंत्री के निर्देश पर मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया है. समिति में स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक, एक महिला डॉक्टर और एक नसबंदी विशेषज्ञ सर्जन शामिल हैं.सिरदर्द और उल्टी की शिकायत कलेक्टर ने बताया कि बिलासपुर से लगे सकरी गांव के नेमीचंद जैन कैंसर रिसर्च सेंटर में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग ने नसबंदी शिविर आयोजित किया था. सीएमएचओ डॉ आरके भांगे तथा वरिष्ठ सर्जन डॉ आरके गुप्ता सहित अनेक चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की वहां ड्यूटी लगायी गयी थी. शिविर में 83 महिलाओं का नसबंदी का ऑपरेशन किया गया था. ऑपरेशन के बाद सभी को देर रात तक उचित दवाइयां देकर छुट्टी दे दी गयी थी. घर पहुंचने के बाद अधिकांश महिलाओं को सिरदर्द और उल्टी आदि की शिकायत होने लगी. बिलासपुर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर बीआर नंदा ने बताया कि सबसे पहले रविवार-सोमवार की रात तीन बजे चकरभाटा क्षेत्र के चिचिरदा गांव के विद्यासागर सूर्यवंशी की पत्नी जानकी बाई (26) को गंभीर हालत में बिलासपुर के जिला अस्पताल में लाया गया. इलाज के दौरान सुबह आठ बजे जानकी की मौत हो गयी. इसके बाद जिला अस्पताल में नसबंदी कराने के बाद बीमार होनेवाली महिलाओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया. सभी महिलाओं ने उल्टी की शिकायत की थी. मृतक की सूचीजानकी बाई (26), दीप्ति यादव (27), रेखा निर्मलकर (27), नेमबाई सूर्यवंशी (32), रंजीता (22), फूल बाई (22), चंद्र बाई (22) और एक अन्य महिला निलंबित अधिकारी परिवार कल्याण कार्यक्रम के राज्य समन्वयक डॉक्टर केसी ओराम, बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एससी भांगे, तखतपुर के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रमोद तिवारी और एक सरकारी सर्जन डॉक्टर आरके गुप्ता को निलंबित किया गया है. सभी ऑपरेशन डॉक्टर गुप्ता ने किया था. मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तत्काल इस्तीफा दें : कांग्रेस छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने मंगलवार को कहा कि राज्य की भाजपा सरकार का चरित्र आपराधिक हो गया है. पूर्व में घटित हुए गर्भाश्य कांड और बालोद, बागबाहरा तथा रायगढ़ आंख फोड़वा कांड से कोई भी सबक न लेते हुए मुख्यमंत्री ने बार-बार स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी अमर अग्रवाल को सौंपी है. अग्रवाल पहले की तरह एक बार फिर से असफल साबित हुए हैं. अब मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री दोनों को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए.
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आठ की मौत, जांच के आदेश
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