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झारखंड आ रहे हैं अरुण सिंह, ओम माथुर, कल भाजपा विधायक दल के नेता चुने जा सकते हैं बाबूलाल मरांडी

रांची : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर रविवार की शाम को रांची पहुंच रहे हैं. सोमवार सुबह राष्ट्रीय महामंत्री मुरलीधर राव भी रांची पहुंच जायेंगे. इन तीनों केंद्रीय नेताओं की मौजूदगी में झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी सोमवार (24 फरवरी, 2020) को विधानसभा में भाजपा […]

रांची : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर रविवार की शाम को रांची पहुंच रहे हैं. सोमवार सुबह राष्ट्रीय महामंत्री मुरलीधर राव भी रांची पहुंच जायेंगे. इन तीनों केंद्रीय नेताओं की मौजूदगी में झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी सोमवार (24 फरवरी, 2020) को विधानसभा में भाजपा विधायक दल का नेता चुना जा सकता है.

झारखंड प्रदेश भाजपा के महासचिव दीपक प्रकाश ने कहा है कि विधायक दल के नेता के चयन के लिए सोमवार को पार्टी के विधायकों की बैठक बुलायी गयी है. श्री प्रकाश ने कहा कि राजधानी रांची स्थित भाजपा मुख्यालय में होने वाली बैठक में सभी विधायकों को उपस्थित रहने के लिए कहा गया है. सूत्रों की मानें, तो विधायक दल की बैठक महज एक औपचारिकता है. झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी) का भाजपा में विलय करने वाले बाबूलाल मरांडी का विधायक दल का नेता चुना जाना तय है.

केंद्रीय भाजपा नेता पी मुरलीधर राव की मौजूदगी में विधायक दल के नेता का चयन किया जायेगा. विधायक दल का नेता चुने जाने के साथ ही बाबूलाल मरांडी को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेवारी मिल जायेगी. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में भाजपा छोड़ने वाले बाबूलाल 14 साल बाद 17 फरवरी, 2020 को अपनी पार्टी में लौटे. देश के गृह मंत्री और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी में उनका स्वागत किया.

वर्ष 2000 में झारखंड राज्य अस्तित्व में आया, तो बाबूलाल मरांडी इसके पहले मुख्यमंत्री बने. स्वच्छ छवि के नेता श्री मरांडी ने माओवाद के खात्मे के लिए कई कदम उठाये थे. इसकी बड़ी कीमत भी उन्हें चुकानी पड़ी. वर्ष 2007 में गिरिडीह जिला में माओवादियों ने उनके बेटे की हत्या कर दी.

राज्य को विकास के पथ पर ले जाने का सपना देखने वाले बाबूलाल भाजपा के सहयोगी दलों को खुश नहीं रख पाये और वर्ष 2003 में उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. उनकी जगह अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री बनाया गया. वर्ष 2006 में अर्जुन मुंडा की सरकार गिर गयी, तो मरांडी ने पार्टी छोड़ दी और झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी) का गठन कर लिया.

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