रांची : मनोहरपुर विधानसभा से झामुमो विधायक जोबा मांझी को हेमंत सरकार के मंत्रिमंडल में जगह मिली है. आइए हम आपको जोबा मांझी के संबंध में कुछ खास बाते बतातें हैं. मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र चिड़िया सेल माइंस, घने सारंडा वन क्षेत्र के लिए विख्यात है. यह क्षेत्र झारखंड अलग राज्य व जंगल आंदोलन के जनक के तौर पर हमेशा याद किया जाता रहेगा.
झारखंड बनने के बाद नक्सलियों का बसेरा बनने वाले इस विधानसभा क्षेत्र में मांझी दंपती का वर्चस्व रहा है. जोबा मांझी इस सीट से पांच बार विधायक चुनी गयी. जोबा के पति 1985 में विधायक बने थे. 14 अक्तूबर 1994 को जब उनकी हत्या हो गयी, तो उसके बाद 1995 के विधानसभा चुनाव में उनकी पत्नी जोबा माझी चुनाव लड़ी और विधायक चुनी गयी. इसके बाद 2000, 2005, 2014 व 2019 में भी विधायक बनीं.
14 अक्टूबर 1994 में पति देवेंद्र माझी को खोने के बाद जोबा मांझी ने राजनीति में कदम रखा. वर्ष 1995 में पहली बार चुनाव मैदान में उतरी जोबा ने पहली जीत सहानुभूति लहर पर सवार होकर दर्ज की थी. इसके बाद वह राबड़ी देवी की सरकार में पहली बार दिसंबर 1998 में आवास राज्यमंत्री बनीं थीं.
झारखंड अलग होने के बाद बनी पहली भाजपा की अगुवाई वाली बाबूलाल मरांडी की सरकार में भी जोबा ने कैबिनेट मंत्री का पद संभाला. उन्हें समाज कल्याण महिला व बाल विकास तथा पर्यटन मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी.
वर्ष 2005 की बात करें तो इस वर्ष भी वह फिर कल्याण, समाज कल्याण, महिला व बाल विकास एवं आवास मंत्री के पद पर काबिज हुईं. चौथी बार चुनाव मैदान में उतरी जोबा वर्ष 2009 में पराजित हो गयीं. इस साल इस सीट से भाजपा उम्मीदवार गुरुचरण नायक ने बाजी मारी और जोबी मांझी तीसरे नंबर पर रहीं.
इसके बाद झामुमो में शामिल होकर वर्ष 2014 के चुनाव में उतरी व जीत हासिल की. चुनाव के पहले उन्होंने अपने पति देवेंद्र माझी द्वारा गठित पार्टी झरखंड मुक्ति मोर्चा डेमोक्रेटिक का विलय झामुमो में कर दिया था. अब वह चौथी बार मंत्री बनी हैं.
जोबा के पति देवेंद्र मांझी की बात करें तो सिंहभूम के कद्दावर आदिवासी नेताओं में उनका नाम शुमार है. वे 1980 में चक्रधरपुर और 1985 में मनोहरपुर से विधायक रहे थे.