36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची : ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट नहीं लेनेवाले बिल्डर पर केस दर्ज करायेगा निगम

बहुमंजिली इमारतों को भेजा जायेगा नोटिस राजधानी में तीन हजार से अधिक बहुमंजिली इमारतें हैं 141 इमारतों को ही ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट जारी किया गया रांची : राजधानी रांची में तीन हजार से अधिक बहुमंजिली इमारतें हैं. इनमें से सिर्फ 141 बहुमंजिली इमारतों को ही नगर निगम द्वारा ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट जारी किया गया है. शेष इमारत […]

बहुमंजिली इमारतों को भेजा जायेगा नोटिस
राजधानी में तीन हजार से अधिक बहुमंजिली इमारतें हैं
141 इमारतों को ही ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट जारी किया गया
रांची : राजधानी रांची में तीन हजार से अधिक बहुमंजिली इमारतें हैं. इनमें से सिर्फ 141 बहुमंजिली इमारतों को ही नगर निगम द्वारा ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट जारी किया गया है. शेष इमारत बिना ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट के हैं. इस कारण जान माल का खतरा बना रहता है. अब शहर की सभी बहुमंजिली इमारतों को हर हाल में नगर निगम से ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट लेना होगा. ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नहीं लेने वाले बिल्डर व व्यक्ति पर नगर निगम अन ऑथोराइज्ड ऑक्युपेंसी का केस दर्ज करायेगा.
10 दिनों का समय देगा निगम : नगर निगम ने शहर की सभी बहुमंजिली इमारतों को नोटिस देने की तैयारी कर ली है. ऐसे भवनों को नोटिस देकर निगम 10 दिनों के अंदर ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट पेश करने का निर्देश देगा.
जो भवन मालिक इस दरम्यान निगम में ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट पेश कर देता है या ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट लेने के लिए निगम में कंप्लीशन सर्टिफिकेट जमा कर देता है, तो उसे निगम राहत देगा. ऐसा नहीं करने पर केस दर्ज कराया जायेगा. केस दर्ज कराने के बाद ऐसे भवनों को निगम सील करने की भी कार्रवाई करेगा.
क्या होता है ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट : ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट का मतलब है कि उक्त भवन का निर्माण पूरी तरह से बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार हुआ है.
इसमें सुरक्षा के वे सारे उपकरण होते हैं, जो निगम द्वारा निर्धारित होता है. इसके अलावा ऐसे भवनों में बिल्डर द्वारा किसी प्रकार का अनधिकृत निर्माण भी नहीं किया जाता है. जिस भवन में कुछ भी अवैध निर्माण होगा, उसे ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाता है.
ऐसे मिलता है ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट : शहर में जो भी भवन बनते हैं. उनका नक्शा निगम पास करता है. हालांकि कई बिल्डर निगम के अभियंताओं से मिल कर ऐसे भवनों का भी निर्माण कर लेते हैं, जो नक्शा से उलट होता है.
मतलब पांच तल्ला का नक्शा पास करवा कर सात मंजिला भवन का निर्माण या भवन के बेसमेंट, जिसका उपयोग आम तौर पर पार्किंग के रूप में किया जाता है, वहां भी बिल्डरों द्वारा कई बार फ्लैट या दुकान बना कर बेच दिया जाता है. या फिर गिफ्ट डीड के लिए जो जमीन छोड़ी जानी चाहिए, उस जमीन पर भी बिल्डर मकान का निर्माण कर देते हैं. बिल्डर अवैध निर्माण न करें, इसके लिए निगम ने ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट का प्रावधान किया है. इसके तहत भवन का निर्माण पूरा होने के बाद बिल्डर निगम को कंप्लीशन सर्टिफिकेट भर कर देता है कि भवन निर्माण का कार्य पूरा हो गया है. इसके बाद निगम उस भवन की जांच करता है. जांच में सब कुछ सही पाये जाने पर ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट जारी किया जाता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें