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विशेष बातचीत में बोले मारुति सुजुकी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर- नये मॉडल लॉन्च करने की तैयारी में, सेल्स ग्राफ और बढ़ेगा

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (मार्केटिंग एंड सेल्स) शशांक श्रीवास्तव ने दिया ग्राहकों के विश्वास को बनाये रखने का भरोसा, कहा- रांची : भारत में वाहन उद्योग तेजी से आगे बढ़ रहा है. 2018 में अकेले इस सेक्टर ने भारत के जीडीपी में सात फीसदी का योगदान दिया था. हालांकि कुछ समय पहले […]

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (मार्केटिंग एंड सेल्स) शशांक श्रीवास्तव ने दिया ग्राहकों के विश्वास को बनाये रखने का भरोसा, कहा-
रांची : भारत में वाहन उद्योग तेजी से आगे बढ़ रहा है. 2018 में अकेले इस सेक्टर ने भारत के जीडीपी में सात फीसदी का योगदान दिया था. हालांकि कुछ समय पहले तक अन्य देशों की तरह ही भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग के अंदर नतीजे उत्साहवर्धक नहीं रहे. बीते साल जुलाई माह में वाहनों की बिक्री बीते दो दशकों में सबसे कम रही थी.
फेस्टिव सीजन सबसे बढ़िया रहा, आगे भी मांग बनी रहेगी. यह कहना है देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (मार्केटिंग एंड सेल्स) शशांक श्रीवास्तव का. उन्होंने सोमवार को प्रभात खबर कार्यालय में तमाम पहलुओं पर बात की हमारे संवाददाता बिपिन सिंह से. प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश.
Q मारुति ग्राहकों को क्या नया देने जा रही है?
बीएस-6 के लिए गाड़ियां एक अप्रैल 2020 से रजिस्टर्ड होंगी. इसे लेकर हमारी कंपनी ने काफी पहले से तैयारी कर रखी थी. मारुति ने भारत स्टेज-6 (बीएस-6) के अनुकूल वाहनों को पेश करने के साथ ही वैकल्पिक ईंधन, स्मार्ट हाइब्रिड वाहन भी बाजार में उतारे हैं. इसके साथ ही कंपनी भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहन उतारने की भी योजना बना रही है, पर आधारभूत संरचना में कमी और बैट्रियों की अधिक कीमत के चलते इसमें थोड़ा विलंब हो सकता है.
Qवाहन उद्योग में नयी चुनौतियां सामने आयी हैं. आप इसे किस तरह से देखते हैं?
देश के आर्थिक हालात गाड़ियों की बिक्री से बयां होती है. ऊंची ब्याज दर, इंश्योरेंस दर में बढ़ोतरी और फ्यूल की कीमतों के बढ़ने के कारण इस सेक्टर पर चौतरफा दबाव पड़ा है. हालांकि, इस बीच मारुति अपने ग्राहकों को कई आकर्षक ऑफर दे रही है. कंपनी इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में कुछ नये मॉडल को लॉन्च करने की तैयारी में है, जिससे सेल्स के बढ़ने का अनुमान है. वैसे भी पिछले साल फेस्टिव सीजन कारों की मांग के हिसाब से काफी अच्छा साबित हुआ.
Qआर्थिक मंदी से निबटे के लिए ऑटो सेक्टर में क्या कुछ हो रहा है? आपकी ओर से क्या पहल हुई है‍?
बीते कुछ महीनों में ऐसी स्थिति बनी थी, जब ऑटो सेक्टर में मंदी आयी थी, मगर अब बाजार में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. इसके लिए हमने बेहतर ऑफर का लाभ ग्राहकों को दिया है. सरकार और बैंक से कुछ राहत मिलने के बाद अब उपभोक्ता वाहन खरीदने का मन बनाने लगे हैं. इससे बाजार में सुधार आ रहा है.
Qआखिर ऐसा क्या हुआ कि ग्राहक वाहन खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे?
एनबीएफसी बैंकों के हालात और बैंकिंग क्षेत्र के संकट की वजह से भी वितरकों और ग्राहकों को ऋण की परेशानी हो रही थी. भारत में 80 फीसदी वाहन फाइनांस होते हैं.
ऐसे में कर्ज को लेकर हो रही दिक्कत से इस सेक्टर के ग्रोथ पर नकारात्मक असर देखा गया. सुप्रीम कोर्ट का आदेश, जिसमें बीमा कवर को बढ़ा कर तीन साल करने को कहा गया है, नये रजिस्ट्रेशन संबंधी नियम और तकनीकी बदलावों के साथ-साथ उत्पादन लागत में बढ़ोतरी तथा राज्य सरकारों की ओर से भारी टैक्स वसूलने से वाहन उद्योग में तात्कालिक संकट पैदा हुआ.
Qइन सब का वाहनों की कीमतों पर भी असर पड़ेगा? कितना दबाव है?
वाहन क्षेत्र में बड़ी छूट दी जा रही है और यह कार खरीदने का अच्छा समय है. सभी कंपनियों ने अपने मॉडल्स की कीमतें बढ़ानी शुरू कर दी है. अप्रैल, 2020 से बीएस-6 मानकों के लागू होने से भी दबाव बढ़ा है. मारुति भी नयी कीमतों का एलान कर सकती है. नये मानकों की वजह से तकनीकी बदलाव करने होंगे. नये नियमों के लागू होने के बाद पुराने इंजन का कन्वर्जन कास्ट बढ़ा है. इससे डीजल कारों की कीमतों में बढ़ोतरी होगी. पेट्रोल गाड़ी में कम, जबकि डीजल सेगमेंट के अंदर कीमतों का फर्क एक लाख से ज्यादा तक बढ़ सकता है.
Qबाजार बढ़े, इस लिहाज से कंपनी पर कीमत कम रखने की कितनी चुनौती है?
सरकार की नीतियों की वजह से उत्पन्न चुनौतियों समेत कई कारणों से लागत को कम बनाये रखना एक गंभीर चुनौती बन गयी है. वाहन उद्योग से जुड़ी कई कंपनियों ने कीमतें बढ़ा दी हैं. अप्रैल 2020 से बीएस-चार मानकों की जगह बीएस-6 मानकों वाले वाहनों को लाने से उत्पादन लागत बढ़ने के कारण कीमतें चढ़ेंगी ही.
Qकारोबार की दृष्टि ग्रामीण क्षेत्र और खासकर झारखंड कंपनी की नजर में कहां है?
देखिए, झारखंड में कार बाजार के अंदर बड़ी संभावनाएं हैं. खासकर यहां के ग्रामीण क्षेत्र में मारुति सबसे लोकप्रिय ब्रांड है. सेल्स और आफ्टर सेल्स दोनों क्षेत्र में हमारा फोकस इस स्टेट पर हमेशा से रहा है. उदाहरण के तौर पर राष्ट्रीय स्तर पर रूरल मार्केट में मारुति की 39 फीसदी भागीदारी है, जबकि झारखंड में यह बिक्री 52 फीसदी रही है.
Qदेश में डीजल कारों का भविष्य क्या है?
आपने देखा होगा कि डीजल कारों की बिक्री में 2012-13 से लगातार कमी आ रही है. उस वक्त डीजल कारों की हस्सेदारी कुल बिक्री में 60 फीसदी थी. एक मुख्य कारण डीजल और पेट्रोल के दामों का घटता फासला भी है. 2012-13 में जहां प्रति लीटर यह अंतर करीब 31 से 40 रुपये का था, वहीं 2017 में यह 17 रुपये का रह गया. अब गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़ जैसे नौ राज्यों में कई बार पेट्रोल डीजल के मुकाबले सस्ती दर पर बिकती हैं.
Qज्यादातर कार कंपनियों ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तरफ रुख किया है. बाजार कैसा रहेगा?
ऑटोमोबाइल उत्पादन क्षमता और विकास के लिहाज से अभी इस सेक्टर में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत नहीं है. मुख्य रूप से बैटरी की समस्या है, यह अभी काफी महंगी आ रही हैं. भारतीय इको सिस्टम के हिसाब से देखा जाए, तो इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए व्यापक स्तर पर देश में माहौल बनने में पांच साल का वक्त लगेगा.
Qमगर शंघाई जैसे शहर में, जहां सबसे ज्यादा मोटर वाहन खरीदे जाते हैं, वहां भी तो गिरावट दर्ज की गयी है?
दूसरे देशों में इलेक्ट्रिक व स्मार्ट हाइब्रिड वाहन बहुत तेजी से विकसित हो रहे हैं. हालांकि वहां का नेचर अलग है. अपने देश में इसके लिए कारोबारी मॉडल अपनाने में भी परेशानी है. लागत, चार्जिंग ढांचा और ग्राहकों की स्वीकार्यता को लेकर अभी यह प्रारंभिक दौर में है.
Qनयी तकनीक वाली एसयूवी को लोग कितना पसंद कर रहे हैं?
उम्र के हिसाब से लोगों की सोच, खासकर आज के युवाओं की सोच में जमीन-आसमान का अंतर है. गाड़ियों के सेफ्टी व अन्य फीचर को लेकर अब उनका नजरिया और व्यवहार अलग है. वाहन उद्योग को भी अपने पुराने ढर्रे को बदलना होगा और उसे नयी पीढ़ी की आकांक्षाओं, सोच और व्यवहार के मुताबिक खुद में बदलाव करने होंगे. कंपनी नजदीक से इंडस्ट्री में हो रहे बदलाव पर नजर रख कर आगे बढ़ रही है. हम उन्हें संतुष्ट करने के भरोसे के साथ आगे बढ़ रहे हैं. हम अपनी गाड़ियों में लाइटर स्टील का प्रयोग कर रहे हैं, जो सुरक्षा की दृष्टि से ज्यादा मजबूत है.
Qऑटो एक्सपो में आपकी कंपनी क्या कोई नया मॉडल लायेगी?
अभी इस पर कोई कमेंट नहीं करूंगा. फिलहाल अप्रैल 2020 के पहले ब्रेजा और एस क्रॉस का बीएस-6 पेट्रोल वेरिएंट पेश करेगी. इस बार ऑटो एक्सपो में जिमी को पेश कर रही है.
तीन साल पहले एसयूवी की कम डिमांड थी आज यह बढ़ कर 35 प्रतिशत तक जा पहुंची है. पर्यावरण को देखते हुए इलेक्ट्रिक कारों का इस्तेमाल भी बढ़ रहा है. इसलिए अब वाहन उद्योग को लोगों की इस बदलती आदत के मुताबिक खुद में बदलाव करने होंगे. मारुति हमेशा से देश के ग्राहकों की पहली पसंद रही है, हम भरोसा देते हैं कि हम उनके भरोसे को ज्यादा विश्वास के साथ भविष्य में भी कायम रखेंगे.

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