रांची : नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एके पाढ़ी ने कहा कि किसान को आज सबसे ज्यादा तिरस्कार के भाव से देखा जाता है. इस कारण इस पेशा को छोड़नेवाले धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं. किसानों की बात तो हो रही है, लेकिन इनकी सुनी नहीं जा रही है. आज जरूरत किसानों पर बोलनेवाले की नहीं, सुननेवाले की है. वैसी व्यवस्था चाहिए, जो किसानों की सुनी. उनकी समस्याएं दूर करें. उनको बाजार उपलब्ध कराये.
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किसानों पर बोलने वाला नहीं उनकी आवाज सुनने वाला चाहिए
रांची : नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एके पाढ़ी ने कहा कि किसान को आज सबसे ज्यादा तिरस्कार के भाव से देखा जाता है. इस कारण इस पेशा को छोड़नेवाले धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं. किसानों की बात तो हो रही है, लेकिन इनकी सुनी नहीं जा रही है. आज जरूरत किसानों पर बोलनेवाले की नहीं, सुननेवाले […]
श्री पाढ़ी शनिवार को बीएयू में ‘छोटे किसानों के लिए कुशल और प्रभावी विपणन प्रणाली का विकास’ पर आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे.
झारखंड में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में काफी संभावना : मेधा डेयरी के प्रबंध निदेशक सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में काफी संभावना है. केवल साहेबगंज के दूध से हम राज्य के कई जिलों को दूध पिला सकते हैं. मेधा का तीन प्रोसेसिंग प्लांट जल्द तैयार होनेवाला है.
इससे दूध के क्षेत्र में काफी बदलाव होंगे. कंपनी किसानों के हित के लिए काम करती है. जेजीबी ग्रुप के अंकुश साहा ने कहा कि किसानों को आय बढ़ाने के लिए निर्यात बढ़ाना होगा. किसानों के उत्पाद दूसरे देशों में कैसे जायें, इस पर विचार करना होगा. आज देश में करीब 40 फीसदी सब्जी और फल बर्बाद हो जाते हैं. इसको रोकने की जरूरत है.
देश में केवल बीएयू को मिला है यह प्रोजेक्ट : परियोजना के निदेशक डॉ एमएस मल्लिक ने बताया कि नेशनल एग्रीकल्चरल हायर एजुकेशन प्रोजेक्ट के तहत स्टेंडराइजेशन ऑफ इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग सिस्टम मॉड्ल्स फॉर झारखंड स्कीम पूरे देश में केवल बीएयू को मिला है. परियोजना तीन साल की है. इसके लिए 23 करोड़ रुपये का प्रावधान वर्ल्ड बैंक ने किया है. मौके पर रजिस्टार डॉ एन कुदादा ने भी अपने विचार रखे. संचालन डॉ नेहा पांडेय ने किया.
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