रांची : वित्त विभाग के वरीय सचिवालय सहायक त्रिदीप चक्रवर्ती बर्खास्त को कर दिया गया है. आरोप था कि 26 माह (सितंबर 2016 से नवंबर 2018) तक अपने मूल वेतन 37,500 रुपये प्रति माह के बजाय 62,200 रुपये निकाला था. इस तरह कोषागार से अपने वेतन मद में करीब सात लाख रुपये की अवैध निकासी की थी. आरोप की पुष्टि होने पर अवैध निकासी की रकम की वसूली की गयी तथा 18 दिसंबर को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. दरअसल, दो जून 2016 को विभाग ने त्रिदीप को पदाधिकारियों व कर्मचारियों के मासिक वेतन विपत्र तैयार करने तथा इससे संबंधित डाटा इंट्री का काम दिया था. इसी दौरान उसने अपना मूल वेतन करीब दो गुना बढ़ा कर राशि की निकासी की. इस दौरान उसका वास्तविक कुल वेतन करीब 12.71 लाख रुपये होता है.
जबकि उसने लगभग 19.63 लाख रुपये निकाले. मामले का खुलासा होने पर 14 दिसंबर 2018 को उसे अतिरिक्त निकासी की रकम को 15 दिनों में राजकोष में जमा करने को कहा गया. पर उस वक्त उसने सिर्फ 55 हजार रुपये राजकोष में जमा किया तथा विभाग से यह अाग्रह किया कि उसे माफ किया जाये तथा अागे उसके मासिक वेतन में से 25 हजार रु प्रति माह काट कर राशि वसूली जाये. पर विभाग ने सख्ती दिखाते हुए उसे 20 सितंबर 2019 तक पूरी रकम जमा करने अन्यथा कानूनी कार्रवाई झेलने को कहा
तब त्रिदीप ने 20 सितंबर को ही विभाग को सूचित किया कि उसने सात लाख रुपये जमा कर दिया है. इसके बाद विभाग ने बर्खास्तगी के संबंध में त्रिदीप चक्रवर्ती से स्पष्टीकरण मांगते हुए तथा उसके जवाब से असंतुष्ट होकर सरकारी सेवक नियमावली के अालोक में 18 दिसंबर को उसे बर्खास्त कर दिया.