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झारखंड चुनाव परिणाम : हेमंत की सादगी, भाजपा पर पड़ी भारी

संजय मिश्र झारखंड के मतदाता मालिकों ने हेमंत सोरेन को अपना आदेश सुना दिया है. हेमंत सोरेन, उनकी पार्टी झामुमो के साथ गठबंधन में शामिल कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल तीनों को एक साथ बधाई. इस चुनाव में हेमंत की जीत और रघुवर दास की हार पर मुझे वह कहानी याद आ रही है, जब […]

संजय मिश्र
झारखंड के मतदाता मालिकों ने हेमंत सोरेन को अपना आदेश सुना दिया है. हेमंत सोरेन, उनकी पार्टी झामुमो के साथ गठबंधन में शामिल कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल तीनों को एक साथ बधाई.
इस चुनाव में हेमंत की जीत और रघुवर दास की हार पर मुझे वह कहानी याद आ रही है, जब अपने जमाने में भाजपा के रणनीतिकार रहे गोविंदाचार्य ने जमशेदपुर पूर्व से भाजपा के कद्दावर नेता दीनानाथ पांडेय का टिकट काट कर रघुवर दास को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया था. इस चुनाव में दीनानाथ पांडेय बागी हो गये थे और निर्दलीय ही रघुवर दास को चुनौती दी थी. बाद में श्री पांडेय की जमानत जब्त हो गयी थी और रघुवर दास के सितारे चमक गये थे.
गोविंदाचार्य ने जो कहानी सुनायी थी, उसका सार कुछ यूं था. दो बहुत बड़े ओझा थे, जो खतरनाक से भी खतरनाक विष को उतार देते थे. दोनों के चेले एक बार आपस में उलझ गये कि मेरा गुरु महान. चेलों ने आपस में ही तय कर दिया कि एक दिन दोनों गुरुओं की टक्कर हो जाये. एक गुरु थोड़ा अक्खड़ था, वह टकराने को तैयार हो गया. जबकि दूसरे ने बार-बार आग्रह किया कि छोड़िए, चेलों के चक्कर में नहीं पड़ना है.
लेकिन अक्खड़ गुरु मानने को तैयार नहीं हुआ, तो दोनों के बीच मुकाबले की तारीख तय हो गयी. तय तारीख और तय स्थान पर मुकाबला शुरू हुआ.
अक्खड़ गुरु ने बहुत ही मारक विष एक लोटा पानी में डालकर दूसरे गुरु को कहा कि दम है, तो पीकर दिखाओ. दूसरे गुरु शांत रहे और मुस्कुराये और कहा कि मैं पहले आपको एक लोटा पानी देता हूं, आप उसे पीकर दिखाओ. अक्खड़ गुरु तैश में आ गया और दूसरे गुरु के दिए एक लोटा पानी को पी गया. पानी पीने के थोड़ी देर बाद ही अक्खड़ गुरु की मौत हो गयी.
शांत गुरु की जय-जयकार हो गयी. इस घटना के महीनों बाद उनके सबसे प्रिय शिष्य ने पूछा कि महाराज आपने कैसा विष दिया था कि अक्खड़ गुरु की मौत हो गयी. महाराज मुस्कुराये और कहा कि मैंने तो केवल पानी दिया था. अक्खड़ गुरु को लगा कि मैंने बहुत ही विषैला पानी दिया है, तो उसने विष उतारने का महामंत्र खुद पर इस्तेमाल कर लिया और वह अपनी ही मंत्र शक्ति से मर गया.
झारखंड विधानसभा 2019 के चुनाव नतीजे पर यह कहानी एक बार फिर पूरी तरह फिट लग रही है. हेमंत बहुत ही शांत होकर चुनाव लड़ रहे थे. रघुवर दास और उनकी पार्टी भाजपा एग्रेसिव रही और खुद के बचाव में जो भी मंत्र पढ़ा, सब के सब उसके लिए आत्मघाती सिद्ध हुए.

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