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झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 : अब बेटों के हवाले सियासत की विरासत

जीतेंद्र राम बढ़ती उम्र के कारण कम हो रही पलामू के दिग्गजों की सक्रियता झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 13 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं. इन विधानसभा सीटों पर कई पुराने और दिग्गज नेता हैं. उनमें से ज्यादातर बढ़ती उम्र की वजह से बेटों को राजनीतिक विरासत सौंपने की कोशिश कर […]

जीतेंद्र राम
बढ़ती उम्र के कारण कम हो रही पलामू के दिग्गजों की सक्रियता
झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 13 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं. इन विधानसभा सीटों पर कई पुराने और दिग्गज नेता हैं. उनमें से ज्यादातर बढ़ती उम्र की वजह से बेटों को राजनीतिक विरासत सौंपने की कोशिश कर रहे हैं.
डालटेनगंज (मेदिनीनगर) विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदरसिंह नामधारी ने वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में अपने पुत्र दिलीप सिंह नामधारी को सीट दे दिया था. लेकिन, दिलीप जीत नहीं सके. 2009 के बाद 2014 के चुनाव में भी उनको हार का सामना करना पड़ा. इस बार उन्होंने 2019 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की बात झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी को बता दी है. कहा है कि स्वास्थ्य कारणों से इस बार चुनाव से अलग रहेंगे.
विश्रामपुर के विधायक सह स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी भी अपने बेटे ईश्वरसागर चंद्रवंशी को स्थापित करने के लिए पिछले कई साल से मेहनत कर रहे हैं. वह क्षेत्र में होनेवाली सभी सभाओं में पुत्र को अपने साथ रहते हैं. उनकी अनुपस्थिति में ईश्वर सागर चंद्रवंशी ही सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होते हैं.
विश्रामपुर के पूर्व विधायक व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे अपने पुत्र अजय दुबे को विधानसभा चुनाव के लिए प्रोजेक्ट कर चुके हैं. उन्होंने पिछले दिनों सार्वजनिक रूप से कहा कि अब मैं थक चुका हूं. मेरी जगह जनता की सेवा मेरे पुत्र अजय दुबे की जिम्मेवारी है. श्री दुबे बेटे को टिकट देने के लिए कांग्रेस में भी लॉबिंग कर रहे हैं.
नगरउटारी विधानसभा सीट से पूर्व जल संसाधन मंत्री रामचंद्र केसरी अपने बेटे विजय केसरी को भवनाथपुर सीट से झारखंड विकास मोर्चा का प्रत्याशी बनाने में सफल रहे. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित छत्तरपुर विधायक राधाकृष्ण किशोर अपनी विरासत पुत्र प्रशांत किशोर को तैयार कर रहे हैं. राधाकृष्ण किशोर क्षेत्र के सभी सार्वजनिक व राजनीतिक कार्यक्रमों में प्रशांत को साथ रखते हैं.
पूर्व मंत्री कमलेश कुमार सिंह चुनाव हारने के बाद भी पूरी सक्रियता के साथ क्षेत्र में लगे रहते हैं. वह अपने बेटे सूर्या सिंह को हुसैनाबाद का विधायक बनाना चाहते हैं. पिछले दिनों हुसैनाबाद को जिला बनाने की मांग को लेकर आयोजित रैली के दौरान कमलेश सिंह ने सूर्या सिंह को बराबरी पर रख लोगों से बेटे के लिए आशीर्वाद मांगा था.

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