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जेपीएससी घोटाला : कॉपी जांचनेवालों ने CBI से कहा, जी हां! हमने बढ़ाये नंबर, अध्यक्ष और सदस्यों ने बनाया था दबाव

शकील अख्तर रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के तत्कालीन अध्यक्ष और सदस्यों के कहने पर सिविल सेवा परीक्षा (जेपीएससी-1, जेपीएससी-2) में नंबर बढ़ाये गये थे. यह बात सिविल सेवा परीक्षा से जुड़ी कॉपियों की जांच करनेवाले कुछ विशेषज्ञों ने स्वीकार की है. जेपीएससी ने 80 कॉपियां उपलब्ध नहीं करायीं. घोटाले की जांच कर […]

शकील अख्तर
रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के तत्कालीन अध्यक्ष और सदस्यों के कहने पर सिविल सेवा परीक्षा (जेपीएससी-1, जेपीएससी-2) में नंबर बढ़ाये गये थे. यह बात सिविल सेवा परीक्षा से जुड़ी कॉपियों की जांच करनेवाले कुछ विशेषज्ञों ने स्वीकार की है. जेपीएससी ने 80 कॉपियां उपलब्ध नहीं करायीं. घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर शपथ पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है.
सीबीआइ की ओर से दायर रिपोर्ट में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में जेपीएससी-1 और जेपीएससी-2 की कुल 1574 कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन का काम दो अक्तूबर 2019 को पूरा कर लिया गया. जेपीएससी द्वारा उपलब्ध नहीं कराये जाने की वजह से कुल 80 कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन नहीं कराया जा सका. इसमें से 78 कॉपियां जेपीएससी-2 की और दो कॉपियां जेपीएससी-1 की सिविल सेवा परीक्षा से संबंधित हैं. जेपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा-2 की 78 में से 10 विषयों की 75 कॉपियों के अलावा तीन अन्य कॉपियां उपलब्ध नहीं करायीं.
जेपीएससी-1 और 2 का मामला
सिविल सेवा परीक्षा से जुड़ी कॉपियों की जांच करनेवाले कुछ विशेषज्ञों ने उजागर किये हैं तथ्य
जांच में 10 नंबर के सवाल के जवाब में 10 से ज्यादा नंबर दिये जाने के मामले पकड़ में आये
गलत जवाब पर पूरा नंबर देने, काट-छांट और ओवर राइटिंग कर नंबर बढ़ाये जाने की भी पुष्टि
जेपीएससी-1 के 45 व जेपीएससी-2 के 135 सफल उम्मीदवारों की कॉपियों का हुआ पुनर्मूल्यांकन
सुप्रीम कोर्ट में दायर रिपोर्ट में गड़बड़ियों का उल्लेख
सुप्रीम कोर्ट में दायर रिपोर्ट में जांच के दौरान मिली गड़बड़ियों का भी उल्लेख है. इस मामले की चर्चा करते हुए कहा गया है कि तत्कालीन कई विशेषज्ञों ने आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के कहने पर नंबर बढ़ाये जाने की बात स्वीकारी है. कुछ विशेषज्ञों ने काट-छांट कर नंबर बढ़ाये जाने की बात भी स्वीकारी है. जांच के दौरान 10 नंबर के सवाल के जवाब में 10 से अधिक नंबर देने, गलत और अधूरे सवाल के पूरे नंबर देने के मामले भी पकड़ में आये हैं.
सीबीआइ के विशेष जज ने दिया था पुनर्मूल्यांकन का आदेश
23 अप्रैल 2013 को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश द्वारा दिये गये पुनर्मूल्यांकन के आदेश के आलोक में जेपीएससी-1 और जेपीएससी-2 की कुल 361 कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन कराया गया था. इसमें जेपीएससी-1 के 45 सफल उम्मीदवारों की 90 कॉपियों और जेपीएससी-2 के 135 सफल उम्मीदवारों की 271 कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन हुआ था. हालांकि, हाइकोर्ट द्वारा सात मार्च 2014 को दिये गये आदेश के आलोक में जेपीएससी ने पुनर्मूल्यांकन बंद कर दिया था. साथ ही पुनर्मूल्यांकन करायी जा चुकी कॉपियों का परिणाम भी सीबीआइ को देने से इंकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट द्वारा पांच अगस्त 2019 को कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन का आदेश दिये जाने के बाद जेपीएससी ने पुनर्मूल्यांकन में सहयोग किया.

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