संबंधित जिलों के एसपी को सूची तैयार कर भेज दी गयी है
रांची : राज्य के 40 से अधिक नक्सलियों और उग्रवादियों की संपत्ति की जांच होगी. जांच में लेवी के रुपये से संपत्ति अर्जित किये जाने या अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित किये जाने की पुष्टि होने पर संपत्ति जब्त करने के लिए पुलिस प्रस्ताव तैयार करेगी. तैयार प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा जायेगा. इसके बाद सरकार की अनुमति से संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की जायेगी.
संपत्ति की जांच के लिए पुलिस मुख्यालय की ओर से संबंधित जिलों के एसपी को सूची तैयार कर भेज दी गयी है. संपत्ति की जांच कर प्रस्ताव तैयार कर भेजने के लिए तीन महीने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व कई नक्सलियों और उग्रवादियों की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई हो चुकी है. इसमें दिनेश गोप सहित अन्य उग्रवादियों के नाम शामिल हैं.
इनकी संपत्ति होगी जब्त : जिन नक्सलियों और उग्रवादियों की संपत्ति जांच करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उनमें रांची जिला के भाकपा माओवादी संगठन से जुड़े अमित मुंडा, सुरेश मुंडा, अखिलेश, खूंटी जिला में पीएलएफआइ संगठन से जुड़े दिनेश गोप, जीदन गुड़िया और तिलकेश्वर के नाम शामिल हैं.
इसके अलावा लोहरदगा जिला के रवींद्र गंझू, गोविंद बिरीजिया, दिनेश्वर गनेसिया, गुमला जिला में सक्रिय रंथू उरांव, खुदी मुंडा, बुधेश्वर, सिमडेगा जिला के विनोद पंडित, जागेश्वर सिंह, पलामू का संजय बोदरा, नीरज खैरवार, अनूप, गढ़वा जिला के मृत्युंजय भुइयां, राजू भुइयां, महेश भुइयां, दुमका के निशिकांत उर्फ प्रशांत, सूरज, सुधीर किस्कू, हजारीबाग के कारू यादव, खुलाधन गंझू, चतरा के नीरज गंझू, करमपाल, रोहन गंझू, परमजीत, गिरिडीह के रामदयाल महतो, बच्चन दा, कृष्णा महतो, विनोद, जमशेदपुर और चाईबासा के श्याम सिंह, लुगून, हाबिल, जीवन कंडुलना व एस मुंडा के नाम शामिल हैं. इसके अलावा बोकारो और सरायकेला- खरसावां जिले के भी कुछ नक्सली चिह्नित किये गये हैं.
रांची : बड़े नक्सलियों के केसों का होगा स्पीडी ट्रायल
रांची : प्रदेश के जेलों में बंद बड़े नक्सलियों से जुड़े केसों का स्पीडी ट्रायल कराया जायेगा. शुक्रवार को जिलों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में सभी एसपी व रेंज डीआइजी को यह निर्देश दिया गया. कहा गया कि वे स्पीडी ट्रायल के लिए कार्रवाई करें.
वहीं, 33 नये पुलिस कैंपों की स्थापना को लेकर भी किस जिले ने क्या कार्रवाई की है, इसकी भी जानकारी ली गयी. इसके अलावा फरार नक्सलियों की अचल संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई में भी तेजी लाने का निर्देश मुख्यालय के स्तर से दिया गया. वहीं उग्रवादी संगठनों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई में भी तेजी लाने को कहा गया. जिलों में बनाये गये यूनिफाइड कमांड और खुफिया सूचना की उपयोगिता पर भी चर्चा हुई. जिलों में तैनात स्मॉल एक्शन टीम से क्या फायदा मिल रहा है इस पर भी बात हुई. कांफ्रेंसिंग में अभियान से जुड़े अधिकारी मौजूद थे.
डीजी-आइजी कांफ्रेंस को लेकर मंथन: 2018 में गुजरात में हुए डीजी-आइजी कांफ्रेंस में दिये गये निर्देशों का कितना पालन हुआ है इसको लेकर शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में समीक्षा बैठक हुई. इसमें डीजीपी के अलावा मुख्यालय व सीआइडी आदि के अफसर मौजूद थे.
बताया गया कि कांफ्रेंस में करीब 75 बिंदुओं पर हर स्टेट को काम करने की जवाबदेही दी गयी थी. इस पर किस स्टेट ने कितना काम किया इस बाबत एक्शन टेकन रिपोर्ट सभी राज्यों द्वारा केंद्र सरकार को भेजी जानी है. झारखंड पुलिस भी केंद्र को रिपोर्ट भेजेगी. फिर सभी राज्यों की रिपोर्ट का प्रेजेंटेशन प्रधानमंत्री के समक्ष होगा.