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रांची की धरती से PM मोदी ने देश को दिया 3 योजनाओं की सौगात, झारखंड के पहले मल्टी मॉडल टर्मिनल का उद्घाटन भी

रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवनिर्मित झारखंड विधानसभा का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री मोदी ने जगन्नाथ (प्रभात तारा) मैदान से देश को तीन योजनाओं की सौगात दी. साथ ही साहिबगंज स्थित मल्टी मॉडल टर्मिनल की प्रतिकृति का अवलोकन कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऑनलाइन उद्घाटन किया. राज्य के अनुसूचित जाति व जनजाति बहुल क्षेत्र […]

रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवनिर्मित झारखंड विधानसभा का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री मोदी ने जगन्नाथ (प्रभात तारा) मैदान से देश को तीन योजनाओं की सौगात दी. साथ ही साहिबगंज स्थित मल्टी मॉडल टर्मिनल की प्रतिकृति का अवलोकन कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऑनलाइन उद्घाटन किया. राज्य के अनुसूचित जाति व जनजाति बहुल क्षेत्र के बच्चों के लिए 462 एकलव्य मॉडल स्कूल व 1238 करोड़ की लागत से रांची में निर्मित होने वाले नये सचिवालय भवन का शिलान्यास किया.
प्रधानमंत्री देश के किसानों की समृद्धि के लिए किसान मान-धन योजना और दुकानदारों और स्वरोजगारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना की शुरुआत लाभुकों को पेंशन कार्ड देकर की.. कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार , केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा , सीएम रघुवर दास और राज्यपाल भी मौजूद थीं.
शुभारंभ
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना, खुदरा व्यापारिक एवं स्वरोजगार पेंशन योजना
462 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय
उद्घाटन
झारखंड की नयी विधानसभा भवन
साहिबगंज में मल्टीमॉडल बंदरगाह
बंदरगाह का निर्माण पूरा होते ही करीब 10 हजार लोग प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से रोजगार से जुड़ेंगे. आसपास के सैकड़ों लोगो को इस बंदरगाह में टेक्नीशियन, ऑपरेटर, हेल्पर, मजदूर, इलेक्ट्रिशियन सहित अन्य फिल्ड में रोजगार मिलेगा. इससे यह इलाका व्यावसायिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण हो जायेगा. बंदरगाह को न्यूनतम कचरा उत्पादन व ध्वनि प्रदूषण को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इस बंदरगाह से अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी.
बांग्लादेश तक जायेगा काला हीरा
बंदरगाह बन जाने से साहिबगंज टर्मिनल से राजमहल का काला हीरा पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार व अन्य देशों तक जायेगा. हल्दिया के रास्ते आनेवाला सामान जहाज से यहां पहुंचेगा.
शिलान्यास हम किये हैं तो उद्घाटन भी करेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 06 अप्रैल 2017 को साहिबगंज स्थित पुलिस लाइन की धरती पर इस बंदरगाह का शिलान्यास किया था. मात्र ढाई साल में ही काम पूरा हो चुका है. ट्रायल भी हो चुका है. हाल ही में कई कार्गो शिप कंटेनर लेकर बंदरगाह पहुंचे.
बंदरगाह बनने से क्षेत्र में विकास बढ़ेगा. जिलेवासियों को रोजगार मिलेगा. साहिबगंज, पाकुड़ व संताल परगना सहित बिहार के पूर्णिया प्रमंडल, भागलपुर प्रमंडल के लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे. जिले का नाम रोशन होगा.
-विजय हांसदा, सांसद , राजमहल
झारखंड-बिहार का जितना विकास होना चाहिए था, उतना नहीं हुआ, क्योंकि यहां नदियां तो हैं लेकिन बंदरगाह एक भी नहीं था. देश व दुनिया में वही राज्य आगे हैं, जो समुद्र या नदियों के किनारे हैं. 2012 से मेरी कोशिश जारी थी.
-डॉ निशिकांत दुबे, सांसद, गोड्डा
साहिबगंज में बनकर तैयार बंदरगाह संताल परगना के लिए मील का पत्थर साबित होगा. जलमार्ग से व्यापार बढ़ेगा. आवागमन बढ़ेगा, तो निश्चित तौर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे. आर्थिक दृष्टिकोण से भी यह संताल को मजबूती प्रदान करेगा.
-सुनील सोरेन, सांसद, दुमका
और भी कई फायदे
संताल और झारखंड में निर्मित सामान को देश-विदेश आसानी से भेजा जा सकेगा. यहां के उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय बाजार मिलेगा
साहिबगंज जिला व्यावसायिक हब बन कर उभरेगा. बाहर से आनेवाले सामान की लागत कम होगी. इससे यह सस्ती दर पर मिलेंगे.
इसे पर्यटन के रूप में विकसित किया जायेगा. देश-विदेश से आनेवाले पर्यटक जिले व संताल के ऐतिहासिक सांस्कृतिक धरोहर देख सकेंगे
साहिबगंज शहर व आसपास के इलाकों की सड़कें बेहतर होंगी. दुमका-साहिबगंज सड़क, बंदरगाह से फरक्का व मिर्जाचौकी तक सड़क को फॉर लेन किया जायेगा
जिले का संपर्क सीधे तौर पर जलमार्ग, वायुमार्ग व रेलमार्ग से हो जायेगा
बनारस से कई गुना बड़ा व आधुनिक
बंदरगाह में कन्वेयर की सुविधा है, जो सालाना तीन मिलियन टन का है. इसके जरिये कोयला, चिप्स सहित अन्य सामान आसानी से लोड किया जा सकेगा
बंदरगाह के प्लेटफॉर्म पर एक बड़ा क्रेन है. इससे कार्गो शिप में आये कंटेनर को आसानी से लोड व अनलोड किया जा सकेगा
यहां तेल डिपो से लेकर जहाज मरम्मत का भी शेड बनाया जायेगा
10 राज्यों से सीधे संपर्क में आ जायेगा झारखंड
साहिबगंज का सकरीगली समदा देश ही नहीं, अब विदेशों में भी अपनी पहचान बनाने को आतुर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां निर्मित अंतरराष्ट्रीय मल्टी मॉडल टर्मिनल बंदरगाह आज राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इससे साहिबगंज बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल सहित अन्य देशों से सीधे जुड़ जायेगा. इस बंदरगाह को सागरमाला परियोजना से जोड़ा जाना है.
इसके बाद यह पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश के अलावा देश के करीब 10 राज्यों से सीधे संपर्क में आ जायेगा. साहिबगंज एक बड़ा व्यावसायिक हब के रूप में उभर कर सामने आयेगा. यहां बड़े-बड़े जहाजों का आगमन होने लगेगा. हर साल करीब 2.24 मिलियन टन कार्गो का संचालन किया जायेगा. इसे हल्दिया-वाराणसी जल मार्ग से जोड़ा गया है.
इसके अलावा इसे एनएच 80 फोरलेन से भी जोड़ा गया है. बंदरगाह सकरीगली रेलवे स्टेशन के करीब है. भविष्य में इसे वायु मार्ग से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है. साहिबगंज के रोल ऑन रोल ऑफ टर्मिनल बिहार के मनिहारी से भी जोड़ा गया है.
क्यों महत्वपूर्ण है यहटर्मिनल
देश में 106 जलमार्ग हैं. इनमें 154 जलमार्ग महतवपूर्ण हैं. राष्ट्रीय जल मार्ग-एक वाराणसी से हल्दिया तक काफी महत्वपूर्ण है. साहिबगंज का बंदरगाह गंगा नदी पर वाराणसी से हल्दियाा तक प्रस्तावित 1390 किमी लंबे राष्ट्रीय जल मार्ग-एक के विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा है.
राष्ट्रीय जल मार्ग-एक को जल मार्ग विकास प्रोजेक्ट ने तकनीकी रूप से तैयार किया है.
इस परियोजना के तहत 150-2000 डीडब्लूटी की क्षमता वाले जहाजों को व्यावसायिक रूप से इस जलमार्ग पर चलाया जा सकेगा. राष्ट्रीय जल मार्ग-एक देश के कई राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल के गंगा किनारे बसे हल्दिया, हावड़ा, कोलकाता, भागलपुर, पटना, गाजीपुर, वाराणसी, इलाहाबाद और आसपास के औद्योगिक इलाकों को जोड़ेगा.
Prabhat Khabar Digital Desk
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