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रांची : जल्द ही सदर अस्पताल में बढ़ेंगे 200 बेड

राणा प्रताप मुख्य सचिव ने शपथ पत्र के माध्यम से हाइकोर्ट को दी है जानकारी रांची : सदर अस्पताल रांची की पूरी क्षमता का उपयोग अब तक नहीं हो पाया है. वर्षों से अस्पताल का बहुमंजिला भवन बन कर तैयार है. उसके कुछ हिस्से का ही उपयोग किया जा रहा है. पूर्व में झारखंड हाइकोर्ट […]

राणा प्रताप
मुख्य सचिव ने शपथ पत्र के माध्यम से हाइकोर्ट को दी है जानकारी
रांची : सदर अस्पताल रांची की पूरी क्षमता का उपयोग अब तक नहीं हो पाया है. वर्षों से अस्पताल का बहुमंजिला भवन बन कर तैयार है. उसके कुछ हिस्से का ही उपयोग किया जा रहा है. पूर्व में झारखंड हाइकोर्ट के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 200 बेड का संचालन शुरू किया था. विभाग चरणबद्ध तरीके से सदर अस्पताल की क्षमता बढ़ा रहा है.
वर्तमान में 300 बेड की क्षमता का उपयोग हो रहा है. सदर अस्पताल में जल्द ही आैर 200 बेड अॉपरेशनल हो जायेंगे. अस्पताल के भवन में इक्विपमेंट इंस्टॉल किया जा रहा है. रिम्स सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार के मुख्य सचिव डीके तिवारी की अोर से रिम्स की व्यवस्था को बेहतर बनाने के संबंध में हाइकोर्ट में शपथ पत्र दायर कर उक्त आशय की जानकारी दी गयी है.
रिम्स को चार वित्तीय वर्ष में 440 करोड़ रुपये मिला : राज्य सरकार ने स्वायतशासी संस्था रिम्स को चार वित्तीय वर्षों के दाैरान 440 करोड़ रुपये दिये हैं, जबकि विभिन्न योजनाअों के लिए केंद्र सरकार से भी रिम्स को 125 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मिली है.
प्राप्त राशि से रिम्स में बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराना था. सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राशि देने के बावजूद रिम्स की व्यवस्था बेहतर नहीं हो पा रही है. वहां के चिकित्सक निजी प्रैक्टिस करते हैं. दर्जनों मरीजों के इलाज के लिए रिम्स में बेड उपलब्ध नहीं है. जमीन पर इलाज होता है. दवाएं नहीं मिलती हैं.
हाइकोर्ट ने रिम्स की व्यवस्था को बेहतर बनाने का दिया है निर्देश
झारखंड हाइकोर्ट कई बार रिम्स में मरीजों के इलाज की व्यवस्था को बेहतर बनाने का निर्देश दे चुका है. रिम्स के चिकित्सकों की प्राइवेट प्रैक्टिस को अविलंब बंद करने का निर्देश दिया था.
विगत माह जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने शनिचर उरांव की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को रिम्स को बेहतर बनाने के संबंध में जवाब देने को कहा था. रिम्स को सरकार ने कितनी राशि दी है. राशि की उपयोगिता व विशेष अॉडिट पर भी जानकारी मांगी गयी थी. अदालत ने चिकित्सकों की निजी प्रैक्टिस को अविलंब बंद करने का निर्देश दिया था.
राज्य सरकार से रिम्स को मिली वर्षवार राशि
वित्तीय वर्ष राशि (करोड़ में)
2016-2017 90 करोड़ रुपये.
2017-2018 75 करोड़ रुपये.
2018-2019 125 करोड़ रुपये.
2019-2020 150 करोड़ रुपये.
विभिन्न योजनाअों के लिए केंद्र से मिली राशि (केंद्र प्रायोजित)
वर्ष योजना राशि
2017-2018 — 4.9555 करोड़ रुपये.
2018-2019 100एमबीबीएस सीट 40 करोड़ रुपये.
2018-2019 स्टेट कैंसर 38.25 करोड़ रुपये.
2018-2019 रीजनल इंस्टीट्यूट 02 करोड़
2019-2020 100एमबीबीएस कोर्स 40 करोड़ रुपये.

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