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रांची : इस्लाम नगर से बेघर हुए 444 परिवारों को आज तक नहीं मिला अपना आशियाना
13 महीने में मिलना था फ्लैट, लेकिन आठ साल बीत गये रांची : इस्लाम नगर के 444 परिवार बीते आठ साल से झुग्गियों में रहने को मजबूर हैं, क्योंकि जिला प्रशासन और रांची नगर निगम ने इन से जो वादा किया था, वह आज तक पूरा नहीं किया. जबकि वर्ष 2011 में हाइकोर्ट ने सरकार […]
13 महीने में मिलना था फ्लैट, लेकिन आठ साल बीत गये
रांची : इस्लाम नगर के 444 परिवार बीते आठ साल से झुग्गियों में रहने को मजबूर हैं, क्योंकि जिला प्रशासन और रांची नगर निगम ने इन से जो वादा किया था, वह आज तक पूरा नहीं किया. जबकि वर्ष 2011 में हाइकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि 13 महीने में इन सभी परिवारों को आवास बना कर दिया जाये. लेकिन निर्माण की रफ्तार इतनी धीमी है कि योजना के तहत चिह्नित परिवारों को कम से कम छह महीने का इंतजार और करना पड़ेगा.
इस दर्द भरी कहानी की शुरुआत 5 अप्रैल 2011 को हुई थी, जब जिला प्रशासन ने इन परिवारों को इस्लाम नगर पॉलिटेक्निक कॉलेज की जमीन का अतिक्रमणकारी बताते हुए यहां बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया था. उस अभियान में 1000 से ज्यादा कच्चे-पक्के मकान और झोपड़ियों को ध्वस्त किया गया था. उस दौरान भारी विरोध-प्रदर्शन भी हुआ था, जिसमें पुलिस की गोली से दो युवकों की मौत भी हुई थी. बाद में प्रभावित लोगों ने आवास दिलाने के लिए हाइकोर्ट की शरण ली.
444 फ्लैट बनाने का था आदेश, 219 ही बन रहे
वर्ष 2011 में ही झारखंड हाइकोर्ट ने प्रभावित परिवारों को फ्लैट बनाकर देने का आदेश जिला प्रशासन को दिया था. आदेश के आलोक में जिला प्रशासन ने 444 परिवारों को चिह्नित कर उनकी सूची बनायी.
बाद में नगर निगम ने बेघरों के लिए बननेवाले इन फ्लैटों को ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ से जोड़ दिया. साथ ही 444 चिह्नित परिवारों को निर्देश दिया कि वे आकर सत्यापन करायें. लेकिन नगर निगम के इस फरमान का 153 परिवारों ने विरोध कर दिया. जबकि 291 परिवारों ने नगर निगम द्वारा लगाये गये शिविर में सत्यापन कराया. इसी आधार पर जुडको ने इस्लाम नगर में फ्लैट का निर्माण वर्ष 2017 में शुरू कराया. लेकिन यहां भी 291 फ्लैट के बजाय 219 फ्लैट ही बनाये जा रहे हैं.
जमीन पूरी तरह से अतिक्रमणमुक्त नहीं होने के कारण निर्माण कार्य में थोड़ा विलंब हुआ है. लेकिन हमारी तैयारी 219 फ्लैट को अक्तूबर माह तक हैंडओवर कर देने की है. योजना के तहत चिह्नित शेष 72 लोगों के लिए भी फ्लैट यहीं बनाये जायेंगे.
पीके सिंह, जीएम, जुडको
खुली आंखों का सपना
इस्लाम नगर की झुग्गियों में रहनेवाले लोगों की आंखों में अपने आशियाने का सपना पल रहा है. रोज ये लोग अधूरे बने फ्लैटों को निहारते हुए सोचते हैं कि न जाने कब उनका सपना पूरा होगा.
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