।। अमलेश नंदन ।।
रांची : झारखंड में संचालित मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के तहत पंजीकरण करवाने के लिए अब आय प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज इसकी घोषणा की. मुख्यमंत्री जोगो पहाड़ के पास वार्ड नंबर 2 में अटल क्लिनिक के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए प्रक्रिया को आसान बनाया जाना चाहिए. इसी के तहत अब मुख्यमंत्री सुकन्या योजना में आय प्रमाणपत्र पत्र की अनिवार्यता समाप्त कर दी गयी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियों को पढ़ाएं, उन्हें अपने सपनों को साकार करने का हर अवसर उपलब्ध कराएं. आपकी मदद के लिए सरकार ने सुकन्या योजना शुरू की है, जीवन के हर अहम मोड़ पर सरकार बेटियों की आर्थिक मदद कर रही है. सुकन्या योजना के लिए अब आय प्रमाण पत्र की भी जरूरत नहीं है.
उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि नजदीकी ब्लॉक ऑफिस में जाकर इस योजना से जुड़ें. बेटियां हमारा भविष्य हैं, वो पढ़ेगी तो दो परिवारों के संस्कार बदलेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि आइए, श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर हम संकल्प लें कि 3 साल में हमें झारखंड से गरीबी को समाप्त करना है. क्षेत्रीय असंतुलन, सामाजिक विषमता, आर्थिक विषमता को ध्यान में रखकर अटल जी ने राज्य की स्थापना की थी. आइए समृद्ध, स्वस्थ और खुशहाल झारखंड का निर्माण करें.
क्या है मुख्यमंत्री सुकन्या योजना
झारखंड में पूर्व से चल रहे मुख्यमंत्री कन्यादान योजना और लाडली लक्ष्मी योजना की जगह जनवरी 2019 से मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के नाम से संचालित इस योजना में गरीब तबके के परिवार की बेटियों को सरकार आर्थिक मदद देती है. सामाजिक, आर्थिक जातीय जनगणना के आधार पर सालाना 72 हजार रुपये तक कमानेवाले परिवार में जन्म लेनेवाली बच्ची को सरकार डीबीटी के माध्यम से 18 वर्ष की उम्र तक छह बार वित्तीय सहायता देगी.
पहली बार जन्म के समय, दूसरी बार पहली कक्षा में नामांकन लेने पर, तीसरी बार छठी कक्षा में जाने पर, चौथी बार नौवीं कक्षा में जाने पर, फिर 11वीं कक्षा में नामांकन कराने पर और अंतिम बार 12वीं पास होने और 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी. कुल छह बार पांच-पांच हजार रुपये प्रदान की जायेगा. इसके अलावे मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत लड़की की शादी के समय 30,000 रुपये प्रदान की जायेगी. शर्त यह होगी कि लड़की की शादी 18 वर्ष के बाद हो.