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झारखंड में तीन से पांच हो गयी बाघों की संख्या

राज्य में केवल पलामू टाइगर रिजर्व में ही पाये जाते हैं बाघ रांची : भारत सरकार ने सोमवार को पूरे देश में 2018 में हुए बाघों की गणना का आंकड़ा जारी किया है. इसके अनुसार झारखंड में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है. जारी आंकड़े के अनुसार, झारखंड में बाघों की संख्या पांच हो […]

राज्य में केवल पलामू टाइगर रिजर्व में ही पाये जाते हैं बाघ

रांची : भारत सरकार ने सोमवार को पूरे देश में 2018 में हुए बाघों की गणना का आंकड़ा जारी किया है. इसके अनुसार झारखंड में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है. जारी आंकड़े के अनुसार, झारखंड में बाघों की संख्या पांच हो गयी है. 2014 में भारत सरकार ने झारखंड में तीन बाघ होने का अनुमान लगाया था. इस बार पूरे देश में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है.

झारखंड में केवल पलामू टाइगर रिजर्व में ही बाघ पाये जाते हैं. 2012 से अब तक झारखंड में बाघों के संरक्षण पर टाइगर प्रोजेक्ट के तहत करीब 12 करोड़ रुपये भारत सरकार ने दिये हैं. करीब इतनी ही राशि राज्य सरकार भी देती है. वर्ष 2010 में राज्य में बाघों की संख्या 10 होने की पुष्टि की गयी थी. पांच साल में यह संख्या तीन हो गयी थी. भारत सरकार बाघों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार को टाइगर फाउंडेशन की मद से राशि देती है.

एक साल तक चली गणना

देश के सभी टाइगर रिजर्व में एक साल तक बाघों की गणना हुई थी. इस दौरान कई ट्रैक कैमरा लगाये गये थे. झारखंड में बाघों की गणना के लिए भारत सरकार ने जो-जो आदेश दिये थे, उसे लागू करने का प्रयास किया गया. राज्य में बाघों की गणना एक जनवरी 2018 से लेकर दिसंबर 2018 तक गयी थी. इस दौरान पूरे रिजर्व एरिया में ट्रैप कैमरा लगाया जाना था. कई कारणों से रिजर्व में पूरा कैमरा नहीं लगाया जा सका था. गणना शुरू होने से पूर्व 2016 में पलामू टाइगर रिजर्व से सैंपल वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भेजा गया था.

2014 के बाद देश में बाघों की संख्या दोगुनी

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट 2018 जारी की. इसके अनुसार, देश में बाघों की संख्या पांच साल में 1577 बढ़ी है. 2014 की बाघों की संख्या 1400 थी, जो 2019 में 2977 हो गयी है.

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