इस घटना ने मुझे झकझोर दिया था. एक सैनिक के शरीर का मात्र पांच किलो हिस्सा उनके परिवारवालों को केवल प्रतीकात्मक रूप में भेजा गया था़ भारत सरकार ने पहली बार शहीद सैनिकों का शव हवाई जहाज से उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की थी. इसके पहले शहीद का अंतिम संस्कार वहीं कर दिया जाता था, जहां वे तैनात रहते थे. कारगिल युद्ध में पाकिस्तानियों ने आकाशवाणी व सदर अस्पताल को उड़ा दिया था़ सेना के गोला बारूद के भंडार को भी निशाना बनाया गया था़ उसमें रखे गोला 24 दिनों तक फटते रहे थे और चार किलोमीटर तक आम लोगों को तबाह करते रहे थे.
कारगिल एक ऐसी लड़ाई थी, जिसमें सेना ही नहीं आम लोगों को काफी नुकसान हुआ था़

