रांची : जगन्नाथपुर के ऐतिहासिक रथमेला की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. भगवान जगन्नाथ के रथ की साज-सज्जा का काम भी लगभग पूरा हो चुका है. भगवान जगन्नाथ जिस रथ पर सवार होंगे, उसे सजाकर तैयार कर लिया गया है. बीते 17 जून यानी ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन एकांतवास जाने के बाद भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ 4 जुलाई को मौसीबाड़ी के लिए प्रस्थान करेंगे.
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भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की तैयारियां हो गयीं पूरी, मेले में सुरक्षा के होंगे पुख्ते इंतजाम
रांची : जगन्नाथपुर के ऐतिहासिक रथमेला की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. भगवान जगन्नाथ के रथ की साज-सज्जा का काम भी लगभग पूरा हो चुका है. भगवान जगन्नाथ जिस रथ पर सवार होंगे, उसे सजाकर तैयार कर लिया गया है. बीते 17 जून यानी ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन एकांतवास जाने के बाद भगवान जगन्नाथ, […]
भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र का वैदिक मंत्रोच्चारण के नेत्रदान होगा. नेत्रदान के लिए तीनों विग्रहों को गर्भगृह से बाहर निकाला जायेगा. मंगल आरती के बाद तीनों विग्रहों का नेत्रदान किया जायेगा. भगवान की रथयात्रा को लेकर मंदिर समिति और नगर निगम के अलावा आम लोग भी पहले से ही अपने-अपने घरों के आसपास साफ-सफाई करने में जुटे हैं. मंदिर समिति और रथ मेला सुरक्षा समिति भी अपने-अपने स्तर पर मेला की तैयारी को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं. रथ यात्रा के दौरान लाखों भक्त भगवान जगन्नाथ का रथ खीचेंगे.
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के दौरान करीब 10 दिनों तक विशाल मेला लगता है. जगन्नाथ मेला के मद्देनजर मेले में दुकानदारों ने अपनी जगह अभी से ही बुक करा ली है. मेले में आने वाले लोगों के मनोरंजन के लिए झूले लग चुके हैं और मेले की विशेष मिठाई भी बनने लगी है. मेले में राज्य के बाहर से भी व्यापारी आते हैं. तरह-तरह के खेल और जरूरी सामानों के साथ- साथ तलवार और लोहे के सामान खूब बिकते हैं. ग्रामीणों के लिए यह मेला विशेष आकर्षण का केंद्र होता है. यहां उन्हें कृषि का सामान और मछली पकड़ने के लिए जाल मिलता है.
जगन्नाथ मेला में सुरक्षा के पुख्ता इतंजाम होंगे. मेले को 16 जोन में बांटा गया है. 25 जगहों पर सीसीटीवी लगेंगे और तीसरी आंख से भी मेले में आने-जाने वालों पर नजर रखी जायेगी. दर्शन में किसी को कोई परेशानी ना हो, कोई अव्यवस्था ना हो, इसका ध्यान रखने के लिए मंदिर प्रबंधन की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवकों को जिम्मेदारी दी गयी है.
रांची महानगर के कार्यवाह धनंजय सिंह ने बताया कि हम लगभग 15 साल से इस व्यवस्था में लगे हैं. इस बार भी दर्शन में लोगों को कोई परेशानी ना हो, इसका ध्यान हमारे हमारे 250 स्वंयसेवक रखेंगे. सिर्फ रांची महानगर से ही नहीं लोग ग्रामीण इलाकों से भी आकर व्यवस्था कायम रखने में मदद करते हैं.
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सेविका समिति की 50 बहनें भी हमारे साथ व्यस्था बनाये रखने में साथ होती हैं. निकास द्वार से लेकर कतार लगने तक हम पूरी व्यवस्था देखते हैं. प्रसाद का वितरण होता है. आरोग्य भारती की सेवा शिविर भी लगती है.
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