रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आरआर प्रसाद की अदालत में शुक्रवार को बिजली फ्रेंचाइजी करार रद्द करने के राज्य सरकार के निर्देश को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई हुई.
सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने प्रार्थी के अंतरिम राहत देने के आग्रह पर आदेश सुरक्षित रख लिया. साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 जुलाई की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता राजेश शंकर ने अदालत को बताया कि सरकार के पास राज्यहित में निर्णय लेने का अधिकार है. सरकार ने मामले की जांच करायी थी. टेंडर प्रक्रिया नियम संगत नहीं थू. इसमें केंद्रीय सतर्कता आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया था. राज्य को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा था.
निविदा के बाद प्रति यूनिट बिजली दो रुपये से घटा कर 1.77 रुपये कर दी गयी है. वैसी स्थिति में सरकार को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान होता. इसका अनुमान होने के बाद सरकार ने ऊर्जा विकास निगम को पत्र लिख कर फ्रेंचाइजी करार रद्द करने के संबंध में निर्णय लेने को कहा है.