- स्वास्थ्य मंत्री भी थे रिम्स निदेशक और विभागाध्यक्षों के साथ हुई समीक्षा बैठक में
- बैठक में करीब 10 मुद्दों पर हुआ विचार विमर्श, सुधार
- के निर्देश दिये गये
- आयुष्मान भारत योजना को बेहतर तरीके से लागू करने का भी निर्देश दिया गया
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अब रिम्स से नहीं निकल रहे क्वालिटी के डॉक्टर
रांची : स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी और स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने शुक्रवार को रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह सहित सभी विभागों के विभागाध्यक्षों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान करीब 10 मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया. साथ ही ज्यादा से ज्यादा मरीजों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिलाने […]
रांची : स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी और स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने शुक्रवार को रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह सहित सभी विभागों के विभागाध्यक्षों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान करीब 10 मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया. साथ ही ज्यादा से ज्यादा मरीजों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिलाने पर रिम्स प्रबंधन को ध्यान देने का निर्देश दिया.
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों को दवाएं और इंप्लांट हर हाल मेेें समय पर उपलब्ध कराया जाये. उन्होंने कहा कि रिम्स में विगत दिनों नियुक्ति के लिए साक्षात्कार लिया जा रहा था. मैं भी उस साक्षात्कार में शामिल था, लेकिन यहां से पढ़ाई कर चुके विद्यार्थियों के जवाब सुनकर मैं स्तब्ध था. मुझे मेडिकल छोड़े बहुत दिन हो गये, लेकिन कई चीजें याद हैं.
चिंता की बात है कि रिम्स से जिस क्वालिटी के डॉक्टर निकलने चाहिए, वह नहीं निकल पा रहे हैं. ऐसे में शिक्षण में गुणवत्ता लाने की जरूरत है. असिस्टेंट प्रोफेसर में तीन साल के अनुभव का मामला भी उठा, जिसमें निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह ने रिम्स नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि हम अच्छा वेतन देते हैं और न्यायालय का फैसला भी आया है कि संस्थान अपने स्तर से मानक तय कर सकता है.
तुरंत खरीदें सीटी स्कैन व एमआरआइ मशीन
समीक्षा बैठक में रेडियाेलॉजी जांच का मामला भी सामने आया. सचिव ने पूछा कि सीटी स्कैन व एमआरआइ की मशीन आखिर क्याें नहीं लग रही है? मशीन खरीदारी में देरी करने के लिए विभागाध्यक्ष को स्पष्ट निर्देश दिया गया कि वह शीघ्र मानकों को पुरा करें. निदेशक ने कहा कि विभागाध्यक्ष को लगातार निर्देश दिया जा रहा है कि वह मशीनों की खरीदारी के लिए तेजी लायें.
जूनियर डॉक्टर हो सकता है बर्खास्त
रिम्स में पैथोलाॅजी विभाग के जूनियर डाॅक्टर पर लगे रैंगिंग के आरोप का मामला भी समीक्षा बैठक में उठा. सचिव ने कहा कि इससे रिम्स की छवि खराब होती है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने मीडिया को बताया कि जूनियर डॉक्टर पर कई बार आरोप लगा है. मारपीट के मामला में भी वह दोषी पाया गया था. ऐसे में उसे बर्खास्त किया जायेगा.
हमारे पास पूरी सूची है, प्राइवेेेेट प्रैक्टिस न करें डॉक्टर
सचिव डॉ कुलकर्णी ने कहा कि एनपीए लेने के बाद अधिकांश डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं. मुझे पता है कि कौन-कौन निजी प्रैक्टिस करते हैं. सरकार का स्पष्ट निर्देश कि रिम्स के डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं करें. डॉक्टरों से आग्रह है कि वह निजी प्रैक्टिस को बंद करें, अन्यथा उनपर सख्त कार्रवाई की जायेगी.
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