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रांची : रेड मड की डंपिंग नियमों के अनुरूप नहीं : सरयू राय

मुरी/रांची : खाद्य आपूर्ति मंत्री व स्वर्ण रेखा प्रदूषण नियंत्रण अभियान के संयोजक सरयू राय गुरुवार को हिंडाल्को हादसे की जांच करने मुरी पहुंचे. उनके साथ डीएफओ सबा आलम अंसारी, आशीष शीतल थे. मंत्री के आने की सूचना मिलते ही हिंडाल्को के यूनिट हेड नित्यानंद राय, एचआर हेड राकेश तिग्गा समेत अन्य अधिकारी पहले से […]

मुरी/रांची : खाद्य आपूर्ति मंत्री व स्वर्ण रेखा प्रदूषण नियंत्रण अभियान के संयोजक सरयू राय गुरुवार को हिंडाल्को हादसे की जांच करने मुरी पहुंचे. उनके साथ डीएफओ सबा आलम अंसारी, आशीष शीतल थे.
मंत्री के आने की सूचना मिलते ही हिंडाल्को के यूनिट हेड नित्यानंद राय, एचआर हेड राकेश तिग्गा समेत अन्य अधिकारी पहले से ही मौजूद थे. मंत्री ने घटना के बाद बिखरे मलबे व इससे हुए नुकसान का जायजा लिया. अधिकारियों से सवाल करने के साथ ही नदी व अन्य वाटर बॉडीज से लिये गये पानी के सैंपल की जानकारी ली.
श्री राय ने प्रबंधन से पूछा कि बगैर लापरवाही के ही 2017 में केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की ओर से कंपनी के अॉपरेशन को बंद करने के आदेश क्यों मिले थे.
तब भी आदेशों की अवहेलना की गयी. इस घटना में कंपनी किसानों को मुआवजा दे. मंत्री रेड मड के ऊपर भी गये आैर वहां से भी घटना की जानकारी ली. अधिकारियों से कहा कि प्रबंधन हाइड्रो जियोलॉजिकल मैपिंग टेस्ट कराये. घटना में कितनी जमीन का नुकसान हुआ है. कितना मलबा पड़ा है. इसका आकलन अब तक नहीं किया गया है.
सिस्टम में ढांचागत सुधार हो : श्री राय ने कहा कि यह हादसा हिंडाल्को की लापरवाही एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनदेखी का नतीजा है. इस हादसे में किसानों की करीब 19 एकड़ खेती योग्य भूमि खराब हो गयी. किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के आधार पर मिलना चाहिए.
घटना में भूगर्भ जल को भी काफी नुकसान पहुंचा है. इस घटना की जांच बहुआयामी कमेटी से करायी जानी चाहिए. जिसमें हर क्षेत्र के एक्सपर्ट शामिल हों. इसके लिए मैंने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. श्री राय ने इस बात पर बल दिया कि सिस्टम में ढांचागत सुधार किये जाने की आवश्यकता है.
नहीं हो सकी ढुलाई : मलबे की ढुलाई गुरुवार को दिन के ग्यारह बजे के बाद से रोक दी गयी. आरोप है कि जिस जगह से हाइवा व अन्य गाड़ियों के लिये रास्ता बनाया गया है कि वह रैयती जमीन है उस पर खेती का नुकसान हुआ है. इसके अलावे जमीन मालिक ने पॉल्ट्री फार्म का बिजनेस किया हुआ है. धूल व प्रदूषण से रोज दिन मुर्गियां मर रही हैं.
हो सकता है फिर से धंसान, खतरनाक हैं दरारें : जिस जगह से रेड मड का धंसान हुआ है उसी स्थान पर फिर से धंसान हो सकता है. घटनास्थल पर बड़ी-बड़ी खतरनाक दरारें पड़ी हैं. उन दरारों से मिट्टी खिसकने का भय बना हुआ है.

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