- हुरहुरी में माहौल सौहार्द्रपूर्ण बनाने के लिए शांति मार्च निकाला गया
- लाठीचार्ज के बाद इलाके में चला सर्च अभियान
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रातू के झखराटांड़ में उपद्रवियों ने शांति मार्च को रोका, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
हुरहुरी में माहौल सौहार्द्रपूर्ण बनाने के लिए शांति मार्च निकाला गया लाठीचार्ज के बाद इलाके में चला सर्च अभियान रांची/रातू : रातू के हुरहुरी में शनिवार को जुलूस के दौरान दो गुटों में हुई झड़प के बाद माहौल सौहार्द्रपूर्ण बनाने के लिए रविवार को प्रशासन की पहल पर हुरहुरी से शांति मार्च निकाला गया. पुलिस […]
रांची/रातू : रातू के हुरहुरी में शनिवार को जुलूस के दौरान दो गुटों में हुई झड़प के बाद माहौल सौहार्द्रपूर्ण बनाने के लिए रविवार को प्रशासन की पहल पर हुरहुरी से शांति मार्च निकाला गया. पुलिस की सुरक्षा में प्रमुख सुरेश मुंडा के नेतृत्व में शांति मार्च निकाला गया. इसमें हुरहुरी के दोनों गुट के लोग शामिल थे.
शांति मार्च में शामिल लोग जैसे ही झखराटांड़ के पास पहुंचे. वहां लाठी-डंडों से लैस कुछ लोगों ने शांति मार्च को रोक दिया. उन्होंने कहा कि वह बैठक में हुए किसी समझौता को नहीं मानेंगे. आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. शांति मार्च में शामिल लोगों ने उन्हें जब समझाने का प्रयास किया, तो वे लोग नहीं माने. इस कारण दोनों पक्षों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गयी.
पुलिस ने पहले उग्र लोगों को समझाने का प्रयास िकया : पुलिस ने आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने. इसके बाद पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया. इसके बाद लोग इधर-उधर भागने लगे. लाठीचार्ज में कई लोगों को चोट भी लगी है.
घटना के बाद ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग और एसडीओ गरिमा सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने इलाके में सर्च अभियान चलाया. पुलिस ने करीब 25 लोगों को हिरासत में लिया है. अन्य उपद्रवियों की तलाश में पुलिस का सर्च अभियान जारी है. इलाके की स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है.
रातू थाना की बैठक में नहीं पहुंचे थे झखराटांड़ के लोग
घटना के बाद रविवार की सुबह दोनों गुट के लोग अलग-अलग बैठक कर रहे थे. पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा-बुझा कर एक साथ बैठक के लिए तैयार किया. इसके बाद दोनों गुट के लोगों की बैठक रातू थाना में सदर एसडीओ की अध्यक्षता में हुई. बैठक में एसडीओ ने दोनों पक्ष के लोगों से उपद्रवियों के नाम मांगे, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके. इसके बाद दोनों पक्ष के लोग समझौता करने को तैयार हो गये.
दोनों पक्ष से 11-11 लोगों की एक टीम तैयार की गयी. लेकिन बैठक में झखराटांड़ का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं हुआ था, क्योंकि वे गांव में ही बैठक करने की बात कर रहे थे. प्रशासन की ओर से उन्हें बुलावा भी भेजा गया , लेकिन कोई नहीं आया. बैठक के बाद दोनों पक्ष के लोग हुरहुरी गांव पहुंचे और दोबारा बैठक कर भाईचारगी के साथ रहने और शांति मार्च निकालने का निर्णय लिया.
लेकिन झखराटांड़ के लोग इस बैठक के किसी फैसले को नहीं मानने और उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े थे. इसी वजह से झखराटांड़ के लोगों ने शांति मार्च का विरोध करते हुए उसे रोक दिया और नारेबाजी करते हुए हंगामा किया.
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