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झारखंड में महागठबंधन की सीटों का हो गया एलान, दूर रही लालू प्रसाद की पार्टी राजद

रांची :झारखंड में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने विपक्षी दलों के महागठबंधन की राह मुश्किल बना दी है या राजद अपने स्वार्थ के लिए कांग्रेस, झामुमो और झाविमो से अलग होना चाहता है. महागठबंधन के सीटों का एलान रविवार को रांची में हो गया, लेकिन लालू प्रसाद यादव की पार्टी का कोई नुमाइंदा घोषणा के […]

रांची :झारखंड में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने विपक्षी दलों के महागठबंधन की राह मुश्किल बना दी है या राजद अपने स्वार्थ के लिए कांग्रेस, झामुमो और झाविमो से अलग होना चाहता है. महागठबंधन के सीटों का एलान रविवार को रांची में हो गया, लेकिन लालू प्रसाद यादव की पार्टी का कोई नुमाइंदा घोषणा के वक्त मौजूद नहीं था. यहां तक कि सीट शेयरिंग के समझौते से संबंधित प्रेस विज्ञप्ति पर भी राजद के किसी प्रतिनिधि का हस्ताक्षर नहीं था. हालांकि, हेमंत सोरेन कह रहे हैं कि राजद को मनाया जा रहा है. पलामू सीट पर गठबंधन के सभी सहयोगी दल उनकी पार्टी के उम्मीदवार की मदद करेगा.

हेमंत सोरेन ने कहा है कि लोकसभा चुनावों के लिए झारखंड में महागठबंधन की सीटें तय हो गयी हैं. प्रदेश में कांग्रेस सात सीटों पर चुनाव लड़ेगी. झामुमो के हिस्से में 4, बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (जेवएम) को दो और राजद को एक सीट मिलने की बात है. राजद को यह मंजूर नहीं है.

सूत्र बताते हैं कि लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद चतरा सीट पर भी अड़ गयी है. इसलिए महागठबंधन की सीटों का एलान नहीं हो पा रहा है. हेमंत सोरेन ने कहा है कि राजद को मनाने की कोशिशें जारी हैं. जल्दी ही महागठबंधन के प्रत्याशियों का भी एलान कर दिया जायेगा.

ज्ञात हो कि झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष ने पिछले सप्ताह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य नेताओं से मुलाकात की थी. उन्होंने दिल्ली से खुद ट्वीट किया था कि महागठबंधन के दलों में सीटों का फैसला हो गया है. होली के बाद झारखंड की राजधानी रांची में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की मौजूदगी में सीटों के बंटवारे का एलान कर दिया जायेगा.

होली के तीन दिन बीत जाने के बावजूद महागठबंधन की सीटों का एलान नहीं हो पाया है. एक दिन पहले शनिवार को हेमंत सोरेन और झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अजय कुमार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी के आवास पर मिलने गये थे. कयास लगाये जा रहे हैं कि राजद की नाराजगी दूर करने का कोई फॉर्मूला बनाने के लिए ही विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं की मुलाकात हुई थी.

बहरहाल, रविवार शाम तक महागठबंधन की गांठें नहीं खुल पायी हैं. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि इसके पहले सोशल मीडिया में एक प्रेस विज्ञप्ति वायरल हुई थी, जिसमें लिखा गया था कि आपसी सहमति से तय हुआ है कि रांची, खूंटी, लोहरदगा, पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा), हजारीबाग और धनबाद से कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे. झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार दुमका, राजमहल, गिरिडीह और जमशेदपुर में भाजपा के उम्मीदवारों को टक्कर देंगे.

झाविमो (प्रजातांत्रिक) के हिस्से में कोडरमा और गोड्डा सीटें आयी हैं. महागठबंधन में शामिल राजद को पलामू सीट दी गयी है. विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि वामदलों से महागठबंधन में शामिल होने का आग्रह किया गया, लेकिन उनके साथ कोई तालमेल नहीं हो पाया. वामदलों से कहा गया था कि सभी वामपंथी पार्टियां एक सीट पर चुनाव लड़ें और पूरे झारखंड में महागठबंधन के प्रत्याशियों को जिताने में मदद करें. वामदल इसके लिए तैयार नहीं हुए.

राजद की नाराजगी इस बात से भी समझी जा सकती है कि प्रेस विज्ञप्ति पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अजय कुमार, झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन और झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के हस्ताक्षर हैं. विज्ञप्ति पर राष्ट्रीय जनता दल के प्राधिकृत प्रतिनिधि लिखा है, लेकिन वहां किसी का दस्तखत नहीं है.

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