रांची : झारखंड आदिवासी विकास समिति के तत्वावधान में मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की पुण्यतिथि बुधवार को बहूबाजार चौक पर मनायी गयी. इस अवसर पर पद्मश्री मुकुंद नायक, मनपूरन नायक, समिति के अध्यक्ष प्रभाकर नाग सहित अन्य ने जयपाल सिंह मुंडा की तस्वीर पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
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जयपाल सिंह मुंडा की पुण्यतिथि पर दी गयी श्रद्धांजलि
रांची : झारखंड आदिवासी विकास समिति के तत्वावधान में मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की पुण्यतिथि बुधवार को बहूबाजार चौक पर मनायी गयी. इस अवसर पर पद्मश्री मुकुंद नायक, मनपूरन नायक, समिति के अध्यक्ष प्रभाकर नाग सहित अन्य ने जयपाल सिंह मुंडा की तस्वीर पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर समिति के […]
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष प्रभाकर नाग ने कहा कि जयपाल सिंह मुंडा जितनी बड़ी हस्ती थे, उसके मुकाबले उन्हें सम्मान नहीं दिया गया. समिति की ओर से मांग की गयी कि जयपाल सिंह मुंडा को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया जाये.
जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम परिसर में बने वेंडिंग कांपलेक्स का नाम जयपाल सिंह मुंडा के नाम पर करने की भी मांग की गयी. एक अन्य मांग में कहा गया कि जयपाल सिंह मुंडा के नाम पर होनहार आदिवासी छात्रों के लिए छात्रवृति योजना भी शुरू की जाये.
वैज्ञानिक तरीके से विकसित हुई है आदिवासी संस्कृति
प्रो तलवार ने कहा कि जयपाल सिंह मुंडा कहते थे कि आदिवासी संस्कृति कहीं हवा से नहीं आ गयी. यह बहुत वैज्ञानिक तरीके से विकसित हुई है. यह जमीन व जंगल से स्थापित हुई है.
इसलिए यदि आदिवासियों के जीवन से जमीन और जंगल हटा दें, तो उनकी संस्कृति ही समाप्त हो जायेगी. वे चाहते थे कि संविधान सभा जमीन को आदिवासियों का मौलिक अधिकार घोषित करे. इसके लिए भी उन्होंने बहस की, पर ऐसा नहीं करा पाये. उनकी यह मांग आज भी बरकरार है़
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