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रांची : कैथोलिक समाज के लोग देश का भविष्य संवारने में योगदान दें
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सीबीसीअाई ने जारी किया ‘मेषपालीय पत्र’, कहा रांची : देश में कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च निकाय सीबीसीआई (कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस ऑफ इंडिया) के अध्यक्ष सह मुंबई महाधर्मप्रांत के आर्चबिशप, कार्डिनल ओस्वाल्ड ग्रेशियस ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मसीहियों के लिए मेषपालीय पत्र (पास्टोरल लेटर) जारी किया है. इसमें उन्होंने कहा है […]
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सीबीसीअाई ने जारी किया ‘मेषपालीय पत्र’, कहा
रांची : देश में कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च निकाय सीबीसीआई (कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस ऑफ इंडिया) के अध्यक्ष सह मुंबई महाधर्मप्रांत के आर्चबिशप, कार्डिनल ओस्वाल्ड ग्रेशियस ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मसीहियों के लिए मेषपालीय पत्र (पास्टोरल लेटर) जारी किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि हमारा कैथोलिक समुदाय सदभावना रखनेवाले सभी लोगों के साथ कंधा से कंधा मिलाते हुए देश का भविष्य संवारने में अपना प्रभावपूर्ण योगदान दे़
मत देना हमारा दायित्व
इसमें कहा गया है : हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि कैथोलिक कलीसिया न किसी राजनैतिक दल के रूप में अपनी पहचान रखती है, न किसी दल का पक्ष लेती है. यह कैथोलिक कलीसिया की विशिष्ट नीति है.
पर देश हित के लिए हर चुनाव के पूर्व अपने लाेगों को इस दायित्व पर कुछ मार्गदर्शन देती है. मत देना हमारा एक बड़ा दायित्व है. देश का हर नागरिक जो 18 वर्ष के ऊपर है, उसे मत देने का अधिकार है. सभी पल्ली पुराेहितों से निवेदन है कि वे लोगों को यह कर्तव्य निभाने के लिए जागरूक करें, क्योंकि हर वोट महत्वपूर्ण है. कैथोलिक कलीसिया यह उम्मीद करती है कि आम चुनाव में विवेकपूर्ण मतदान द्वारा ऐसे नेता मिलें, जो लोगों को सुन सकें, उनकी चिंताओं व आवश्यकताओं को समझें और उसके अनुकूल प्रभावपूर्ण ढंग से प्रत्युत्तर दे़ं
ऐसे नेताओं की जरूरत, जो अधिकार को एक सेवा की तरह समझें
1. वे एक ऐसी अर्थव्यवस्था के लिए काम करें, जो विशेषकर गरीबों व असहाय लोगों की मदद करे. उनकी प्रतिष्ठा की रक्षा करते हुए उनके विकास के लिए कार्य करे और उन्हें राष्ट्र निर्माण में समर्थ बनाये़
2. सभी लोगों के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करेे, खास कर महिलाओं व बच्चों के लिए़
3. जल, जंगल और जमीन पर आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करे़
4. दलितों की विशेष सुधि ले. उनके प्रति भेदभाव न हो और उन्हें उनका अधिकार मिल सके़
5. सांप्रदायिक सदभावना को बढ़ावा मिले और अंतर धार्मिक संवाद व समझदारी द्वारा राष्ट्रीय अखंडता की मनोभावना कायम रह सके़
6. भावी पीढ़ी के लिए पर्यावरण और प्रकृति की संपन्नता को सुरक्षित रखने के लिए कदम बढ़ाये़
ये राष्ट्रीय मुद्दे है़ं लेकिन इनके अतिरिक्त अन्य स्थानीय आवश्यकताएं भी हैं, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है़ हम अपने लोगों से निवेदन करते हैं कि वे गिरजाघरों व अपने घरों में प्रार्थना में समय व्यतीत करें, ताकि हम ऐसा निर्णय कर सकें, जो सबकी भलाई व देश के हित के लिए हो़
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