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नेशनल गेम्स गड़बड़ी में बंधु तिर्की काे एसीबी ने पाया दाेषी

रांची : नेशनल गेम्स-2011 में करोड़ों रुपये की गड़बड़ी के मामले में तत्कालीन खेल मंत्री बंधु तिर्की के खिलाफ एसीबी ने आरंभिक जांच पूरी कर ली है. जांच में बंधु तिर्की के भी गड़बड़ी में शामिल होने के साक्ष्य मिले हैं. एसीबी ने उन्हें भी गड़बड़ी का दाेषी माना है. अब उनके खिलाफ मुकदमा चलाने […]

रांची : नेशनल गेम्स-2011 में करोड़ों रुपये की गड़बड़ी के मामले में तत्कालीन खेल मंत्री बंधु तिर्की के खिलाफ एसीबी ने आरंभिक जांच पूरी कर ली है. जांच में बंधु तिर्की के भी गड़बड़ी में शामिल होने के साक्ष्य मिले हैं.

एसीबी ने उन्हें भी गड़बड़ी का दाेषी माना है. अब उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार से अनुमति मांगी है. अनुमति के बाद एसीबी के अधिकारी बंधु तिर्की के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल करेंगे.
बंधु ही देते थे मंजूरी : मिली जानकारी के अनुसार बतौर खेल मंत्री टेंडर समिति से निविदा के लिए जो भी फाइल बंधु तिर्की के पास भेजी जाती थी, उस पर अंतिम अनुमोदन उनका ही होता था. इसके बाद ही किसी कंपनी को टेंडर दिया जाता था.
नेशनल गेम्स के लिए मुख्यमंत्री के भी सारे अधिकार तत्कालीन खेल मंत्री को प्रदान किये गये थे. इसलिए उनके पास ही टेंडर से जुड़ी फाइलों को अंतिम स्वीकृति के लिए भेजा जाता था. पूर्व की जांच में टेंडर में गड़बड़ी की बात सामने आ चुकी है. इसलिए मामले में बंधु तिर्की को भी इसके लिए जिम्मेवार बताया गया है.
स्क्वैश काेर्ट में भी गड़बड़ी
जांच के दौरान यह भी बात सामने आ चुकी है कि नेशनल गेम्स के दौरान धनबाद में दो स्क्वैश कोर्ट के निर्माण में वित्तीय अनियमितता हुई थी. दोनों कोर्ट के निर्माण का काम मुंबई की जाइरेक्स इंटरप्राइजेज नामक कंपनी को दिया गया था.
कंपनी ने कोर्ट निर्माण के लिए 1,44,32,850 रुपये का प्राक्कलन प्रस्तुत किया. एसएम हाशमी ने चार अक्तूबर, 2008 को कला संस्कृति विभाग के सचिव को प्राक्कलित राशि का आवंटन स्क्वैश रैकेट फेडरेशन ऑफ इंडिया को करने का अनुरोध किया.
उक्त प्रस्ताव पर निदेशक एवं सचिव की अनुशंसा के बाद विभागीय मंत्री के पास अनुमोदन की फाइल भेजी गयी. संबंधित फाइल पर 20 अक्तूबर, 2008 को तत्कालीन खेल मंत्री बंधु तिर्की ने अनुमोदित कर दिया था. इसके आधार पर बाद में जाइरेक्स इंटरप्राइजेज को स्क्वैश कोर्ट निर्माण के लिए 1,44,32,850 रुपये के भुगतान का निर्णय लिया गया.
11 दिसंबर, 2008 को स्क्वैश फेडरेशन ने हाशमी को पत्र लिख कर अनुरोध किया गया कि राशि सीधे जाइरेक्स कंपनी को उपलब्ध करायी जाये. उक्त पत्र के बाद तत्कालीन सचिव ने निदेशक को निर्देश दिया था कि एनजीओसी की कार्यकारिणी के निर्णय की प्रत्याशा में अविलंब कार्रवाई की जाये और घटनोत्तर स्वीकृति ले ली जाये. इसके बाद कंपनी को अग्रिम 50 लाख दिये गये. पर बाद में रुपये भुगतान से संबंधित घटनोत्तर स्वीकृति नहीं ली गयी. इसे भी अनियमितता माना गया.
बंधु से हाे चुकी है पूछताछ : मामले में संलिप्तता की जानकारी मिलने के बाद एसीबी के अधिकारी बंधु तिर्की से पूछताछ कर चुके हैं. एसीबी के अधिकारी 24 जनवरी को बंधु तिर्की से पूछताछ करने होटवार जेल गये थे.
तब मामले में उनसे कुछ बिंदुओं पर पूछताछ हुई थी. मामले में विस्तार से जानकारी देने के लिए बंधु तिर्की ने एसीबी से समय की मांग की थी. बाद में बंधु तिर्की को नोटिस भेज कर 20 फरवरी को पूछताछ के लिया बुलाया गया था.
उनसे नेशनल गेम्स के दौरान हुई खरीदारी और निविदा से संबंधित बिंदुओं पर पूछताछ हुई थी. तब उन्होंने एसीबी के अधिकारियों को बताया था कि निविदा और क्रय के लिए समिति का गठन किया गया था. सरकार की जो अनुशंसा रही थी. उसी के आधार पर खरीदारी हुई थी. पूछताछ के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था.
मुकदमा चलाने के लिए सरकार से मांगी अनुमति
जांच में टेंडर में गड़बड़ी की बात सामने आ चुकी है
आरके आनंद पर भी मुकदमे की अनुमति मांगी गयी
नेशनल गेम्स गड़बड़ी में प्राथमिकी अभियुक्त आरके आनंद, खेल आयाेजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष आैर अप्राथमिकी अभियुक्त सुविमल मुखाेपाध्याय, एचएल दास, प्रेम कुमार चाैधरी, सुकदेव सुबाेध गांधी आैर अजीत जाेइस लकड़ा के खिलाफ भी चार्जशीट फाइल करने आैर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी गयी है. इस कांड में प्राथमिकी अभियुक्त पीसी मिश्र, सैयद मतलूब हाशमी आैर मधुकांत पाठक के खिलाफ एसीबी पहले ही चार्जशीट दायर कर चुकी है.
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