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रांची : एनटीपीसी अफसर से दुर्व्यवहार करने के मामले में फंसे आइएएस सुनील कुमार, देना होगा ” 25 हजार मुआवजा
रांची : एनटीपीसी के अधिकारी राकेश नंदन सहाय के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में आइएएस अधिकारी सुनील कुमार फंस गये हैं. उन्हें अधिकारी को 25 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने दिया है. इस संबंध में आयोग ने झारखंड के मुख्य सचिव को भी निर्देश दिया है कि […]
रांची : एनटीपीसी के अधिकारी राकेश नंदन सहाय के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में आइएएस अधिकारी सुनील कुमार फंस गये हैं. उन्हें अधिकारी को 25 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने दिया है.
इस संबंध में आयोग ने झारखंड के मुख्य सचिव को भी निर्देश दिया है कि आदेश का अनुपालन कराते हुए पांच मई तक मुआवजा भुगतान के सबूत के साथ आयोग को रिपोर्ट भेजी जाये. आयोग ने रिपोर्ट में कहा है कि सुनील कुमार का व्यवहार राकेश नंदन सहाय के प्रति अभद्र पाया गया है. इसलिए आयोग ने आइएएस अधिकारी को 25 हजार रुपये मुआवजा का भुगतान शिकायतकर्ता राकेश नंदन सहाय को देने का निर्देश दिया है.
मामले में 15 फरवरी 2019 को राकेश नंदन सहाय ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में रिव्यू पिटीशन दिया था. इसके बाद आयोग ने 17 जनवरी 2019 को दिये अपने आदेश को फिर से रिकॉल किया. पूर्व में झारखंड के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने केस निष्पादित कर दिया था. जिस पर शिकायतकर्ता ने दुबारा आयोग का दरवाजा खटखटाया था.
पहले भी दिया गया था मुआवजा का आदेश : हजारीबाग के तत्कालीन उपायुक्त (वर्तमान भवन निर्माण सचिव) सुनील कुमार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था. यह राशि एनटीपीसी के अधिकारी को इनके साथ किये गये दुर्व्यवहार के एवज में देना को कहा गया था.
आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को इस आदेश का अनुपालन कराते हुए छह सप्ताह के अंदर भुगतान से संबंधित सबूत देने का निर्देश दिया था. जानकारी के मुताबिक राकेश नंदन सहाय ने 2015 में हजारीबाग के तत्कालीन उपायुक्त के विरुद्ध मारपीट का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत आयोग से की थी. मामले में आयोग ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 20 फरवरी 2017 को सुनील कुमार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.
इस मामले में झारखंड सरकार की ओर से भुगतान कराने के बदले आयोग को आवेदन देकर इस फैसले पर फिर से विचार करने को कहा गया था. साथ ही यह कहा गया कि मारपीट के इस मामले में राकेश नंदन सहाय की शिकायत पर हजारीबाग में सुनील कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
घटना के अगले ही दिन 11 फरवरी 2015 को तबादला कर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया था. अदालत ने इस मामले की सुनवाई के दौरान सुनील कुमार के विरुद्ध कोई सबूत नहीं पाया था. इसकी वजह से उन्हें आरोप मुक्त कर दिया गया. इसलिए आयोग भी इस मामले पर फिर से विचार करे.
सरकार के इस आवेदन पर दोबारा विचार करने के क्रम में आयोग ने यह पाया कि सुनील कुमार पर भले ही कोई आपराधिक मामला नहीं बनता हो, लेकिन ह्यूमन राइट ( डिग्निटी) के उल्लंघन का मामला बनता है. इसलिए वह राकेश नंदन सहाय को 25 हजार रुपये बतौर जुर्माना दें.
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