रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस कैलाश प्रसाद देव की अदालत में शुक्रवार को फर्जी बेलर को खड़ा कर जमानत लेने के मामले में सुनवाई हुई. अदालत ने सुनवाई करते हुए कहा कि फर्जी जमानतदारों को कैसे रोका जाये, इस पर एडवांस कार्य किया जाना चाहिए. राज्य सरकार को तकनीक का उपयोग कर फर्जी जमानतदारों को रोकने को कहा गया.
अदालत ने निदेशक (अभियोजन) को सशरीर उपस्थित होने से छूट प्रदान की. साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 मई की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व गृह विभाग की अोर से शपथ पत्र दायर किया गया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी मो सिराज ने याचिका दायर की थी. लंबे समय के बाद याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने प्रार्थी की खोज खबर लेने का निर्देश दिया.
बाद में सरकार की अोर से बताया गया कि प्रार्थी की जानकारी नहीं मिल रही है. जांच के दाैरान जमानतदार की खोज की गयी, तो मामले का खुलासा हुआ. जमानतदार भी फर्जी निकले. इसके बाद अदालत ने मामले को गंभीरता से लिया था.