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रातू : सभी जाति-धर्मों के लोगों को संगठित कर संघर्ष करना होगा
रातू : शहीद वीर बुधु भगत लरका विद्रोह के प्रणेता थे. उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ पहली आवाज बन कर आदिवासियों व अन्य लोगों को संघर्ष करने का हौसला तथा ज्ञान देने का काम किया. वे चाहते थे कि यहां अपना शासन व अपनी संस्कृति को बचाये रखना अंग्रेजों को बिना भगाये संभव नहीं है. इसलिए […]
रातू : शहीद वीर बुधु भगत लरका विद्रोह के प्रणेता थे. उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ पहली आवाज बन कर आदिवासियों व अन्य लोगों को संघर्ष करने का हौसला तथा ज्ञान देने का काम किया. वे चाहते थे कि यहां अपना शासन व अपनी संस्कृति को बचाये रखना अंग्रेजों को बिना भगाये संभव नहीं है.
इसलिए अंग्रेजों को भगाने के लिए सभी जाति के लोगों को संगठित कर बहादुरी से लड़े और शहीद हो गये. उक्त बातें भारत की जनवादी नौजवान सभा (डीवाइएफआइ) रांची जिला कमेटी के तत्वावधान में बुधवार को राज्य कार्यालय रातू में शहीद वीर बुधु भगत का 187वां शहादत दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कामरेड सुभाष मुंडा ने कही.
उन्होंने कहा कि अाजादी के इतने सालों बाद भी हमारे ऊपर हमला हो रहा है. हमारी संस्कृति, भाषा, सभ्यता और जमीन की लूट हो रही है. इसे बचाने के लिए हमें सभी जाति धर्मों के लोगों को संगठित कर संघर्ष करना होगा. सभा की अध्यक्षता प्रमुख सुरेश मुंडा व संचालन बुधराम उरांव ने किया.
राज्य कार्यालय में शहीद के चित्र पर माल्यार्पण कर लोगों ने श्रद्धांजलि दी. मौके पर प्रदीप महतो, महेश मुंडा, बिरसा मुंडा, कपिल महतो, शनि उरांव, समेउल्ला मंसूरी, बसंत महतो, बिगल उरांव, लक्ष्मण उरांव, विश्वनाथ टोप्पो, सोमरा, अमित, अशोक शामिल थे.
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