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जिला परिषद में चल रहा है टेंडर मैनेज करने का खेल गलत काम करने का दबाव बनाते हैं जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष रांची : जिला परिषद में सब कुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है. टेंडर का खेल चरम पर है. परिषद के वरीय लोगों पर टेंडर मैनेज करने का आरोप है. टेंडर के इस […]

जिला परिषद में चल रहा है टेंडर मैनेज करने का खेल
गलत काम करने का दबाव बनाते हैं जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष
रांची : जिला परिषद में सब कुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है. टेंडर का खेल चरम पर है. परिषद के वरीय लोगों पर टेंडर मैनेज करने का आरोप है. टेंडर के इस खेल में परिषद में कार्यरत अभियंता काफी परेशान हैं. परिषद के निर्वाचित जनप्रतिनिधि मेला व कार्यक्रम के नाम पर अभियंताओं से उगाही कर रहे हैं. टेंडर निकलने के बाद अभियंताओं को लिस्ट थमा दी जाती है कि फलां ठेका फलां ठेकेदार को ही मिलना चाहिए.
एक जनप्रतिनिधि के पतिदेव तो ठेकेदारी के धंधे में उतर आये हैं. जिला परिषद के ये निर्वाचित जनप्रतिनिधि तो खुलेआम अभियंताओं को कहती हैं कि हमारे क्षेत्र में हमारे पति को छोड़ कर किसी दूसरे को ठेका नहीं मिलना चाहिए. जनप्रतिनिधियों के इस नाजायज दबाव से अब यहां के अभियंता जिला परिषद से ट्रांसफर कराने की तैयारी में हैं.
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक अभियंता ने बताया कि इस तरह का दबाव आये दिन मिल रहा है. बात नहीं मानने पर वरीय अधिकारियों के यहां जाकर शिकायत करके दबाव बनाया जा रहा है. कहा जा रहा है कि इतना चिट्ठी पत्री करेंगे कि तुम्हारी संपत्ति की जांच हो जायेगी. जेल जाना पड़ेगा.
इधर, जिला अभियंता की कार्यशैली को लेकर उपायुक्त से मिला प्रतिनिधिमंडल : जिला परिषद में कार्यरत जिला अभियंता श्याम दास सिंह पर जिला परिषद के अध्यक्ष सहित कुछ सदस्यों ने गंभीर आरोप लगाये हैं.
अभियंताओं पर मनमानी का आरोप लगाते हुए मंगलवार को जिला परिषद के अध्यक्ष सुकरा सिंह मुंडा और उपाध्यक्ष पार्वती देवी उपायुक्त से मिले. इन्होंने उपायुक्त से कहा कि जिला अभियंता टेंडर में अनियमितता बरतते हैं. चहेतों को टेंडर देते हैं. ऑनलाइन टेंडर के नाम पर ऑफलाइन टेंडर का खेल होता है. इसलिए इनके कार्यकाल में निकाले गये सभी टेंडरों की जांच की जाये.
वसूली का केंद्र बन गया जिला परिषद
जिला अभियंता के विरोध में चल रहे आंदोलन को जिला परिषद के ही कई सदस्य अनुचित बता रहे हैं. इस गुट के सदस्यों ने कहा कि अगर जिला अभियंता ने कुछ गलत किया है, तो इसका कोई सबूत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष को वरीय अधिकारियों के सामने रखना चाहिए. सदस्यों ने कहा कि हाल के दिनों में एक पूर्व जिला परिषद सदस्य की सक्रियता काफी बढ़ गयी है. वह अभियंताओं को फोन कर धमकाता है, उनसे वसूली करता है, खुलेआम मीटिंग करता है. लेकिन, अध्यक्ष-उपाध्यक्ष आंखें बंद किये हैं.
चार साल के मेरे कार्यकाल में अगर मेरे पति ने एक भी ठेका जिला परिषद से लिया है. तो इसकी सूची जिला परिषद अभियंता सार्वजनिक करें. हम तो उपायुक्त से इसकी जांच कराने की ही मांग कर रहे हैं. जांच हो दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जायेगा. बहुत जल्द हम भी जिला परिषद के अभियंताओं का कच्चा चिट्ठा आपलोगों के सामने रखेंगे.
पार्वती देवी, उपाध्यक्ष, जिला परिषद
मेला के नाम पर मांगा जाता है खर्चा
अभियंताओं की मानें, तो हाल ही में टुसू पर्व के नाम पर फोन करके एक पूर्व जिला परिषद सदस्य जो खुद को एक बड़े जनप्रतिनिधि का पीए बताता है, प्रतिदिन अभियंताओं को हड़काता था. कहता था बहुत माल तुमलोग कमा रहे हो. मेला लगा है. मेला में बहुत खर्चा है. इसलिए कुछ खर्चा दो. जब अभियंता देने से इंकार करते थे, तो कहा जाता था कि तुमको जिला परिषद में काम करना है कि नहीं.

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