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रांची : तेनुघाट की एक यूनिट चालू फिर भी जारी है लोड शेडिंग

आधुनिक पावर की एक यूनिट 22 जनवरी को चालू की जायेगी 18 जिलों में लोड शेडिंग जारी है, राजधानी में भी हालत खराब रांची : तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन की एक यूनिट शनिवार को चालू हो गयी. इससे दिन के 11 बजे के बाद 212 मेगावाट उत्पादन होने लगा. हालांकि इसके बावजूद झारखंड के 18 […]

आधुनिक पावर की एक यूनिट 22 जनवरी को चालू की जायेगी
18 जिलों में लोड शेडिंग जारी है, राजधानी में भी हालत खराब
रांची : तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन की एक यूनिट शनिवार को चालू हो गयी. इससे दिन के 11 बजे के बाद 212 मेगावाट उत्पादन होने लगा. हालांकि इसके बावजूद झारखंड के 18 जिलों में लोड शेडिंग जारी है. इसकी वजह है कि आधुनिक पावर से उत्पादन अभी भी ठप है. आधुनिक से 183 मेगावाट बिजली झारखंड को मिलती है. उत्पादन ठप होने की वजह यहां कोयले की कमी बतायी जा रही है.
इधर, बिजली कम होने की वजह से शनिवार को रांची में दिन भर लोड शेडिंग जारी रही. शाम के समय लोगों को कुछ राहत मिली. दूसरी ओर खूंटी, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, लातेहार, पलामू, गढ़वा, जमशेदपुर, सरायकेला-खरसावां, प. सिंहभूम, चतरा समेत संताल परगना के इलाकों में दिन भर लोड शेडिंग होती रही.
राजधानी से सटे आसपास के इलाकों में खूब हुई शेडिंग : राजधानी से सटे आसपास के फीडरों में आठ-आठ घंटे से भी ज्यादा समय लोड शेडिंग की जा रही है.
रातू चट्टी से जुड़े इलाके को उदाहरण के तौर पर लें, तो यहां पिछले सप्ताह भर से आठ से 10 घंटे की लोड शेडिंग की जा रही है. दो घंटे बिजली कटी रहती है तो फिर आधे घंटे के लिए आती है. इससे काठीटांड़, रातू, पिर्रा आदि इलाकों के उपभोक्ता परेशान हैं. यहां यह बताना जरूरी है कि इन इलाकों में बिजली की बिलिंग अरबन इलाके की दर से होती है, पर आपूत्ति ग्रामीण इलाका मान कर की जा रही है.
473 मेगावाट की थी कमी
शनिवार को दिन के समय राज्य भर में 473 मेगावाट बिजली की शेडिंग की जा रही थी, जबकि मांग 1100 मेगावाट की थी और बिजली की उपलब्धता 700 मेगावाट से भी कम थी. शाम के समय टीवीएनएल के चालू होने से कुछ राहत मिली है. शाम पांच बजे टीवीएनएल से 212 मेगावाट, सीपीपी से 17 मेगावाट व इनलैंड पावर से 52 मेगावाट उत्पादन हो रहा था. झारखंड की अपनी कुल बिजली 281 मेगावाट थी. वहीं सेंट्रल पूल से 558 मेगावाट बिजली ली गयी. झारखंड में कुल 839 मेगावाट बिजली ही उपलब्ध थी. शाम के समय लगभग 1150 मेगावाट बिजली की जरूरत थी. 34 मेगावाट ओवर ड्रा किया गया. इसके बावजूद 277 मेगावाट बिजली की शेडिंग राज्यभर में की गयी.
आधुनिक का बकाया सौ करोड़ से अधिक
आधुनिक पावर के संचालक सचिन अग्रवाल ने बताया कि आधुनिक पावर प्लांट में कोयले की कमी है. बिजली वितरण निगम के पास बकाया बढ़ कर 100 करोड़ के पार हो गया है. पैसे का भुगतान नहीं हुआ है. इधर, कोयले की दर में भी वृद्धि हो गयी है. प्लांट में कोयला नहीं है. इस कारण प्लांट को बंद करना पड़ा. 22 जनवरी को एक यूनिट चालू की जायेगी. इससे 270 मेगावाट उत्पादन होने की संभावना है.

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