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रांची : प्रवेश द्वार के समक्ष धरना देने पर लग सकती है रोक
विधायक दल की बैठक में सुखदेव ने उठाया मामला, होगी चर्चा राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान व्यवधान उत्पन्न न हो : स्पीकर रांची : विधानसभा के प्रवेश द्वार के समक्ष विधायकों द्वारा विभिन्न मुद्दों और मांगों को लेकर धरना में बैठने की परंपरा पर रोक लग सकती है़ कार्यमंत्रणा में सभी दलों के विधायकों के […]
विधायक दल की बैठक में सुखदेव ने उठाया मामला, होगी चर्चा
राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान व्यवधान उत्पन्न न हो : स्पीकर
रांची : विधानसभा के प्रवेश द्वार के समक्ष विधायकों द्वारा विभिन्न मुद्दों और मांगों को लेकर धरना में बैठने की परंपरा पर रोक लग सकती है़ कार्यमंत्रणा में सभी दलों के विधायकों के साथ बैठक कर इस पर चर्चा कर रास्ता निकालने की कोशिश होगी़
विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन के बाद कई विधायक धरना पर बैठ जाते हैं. उसके बाद सदन में कार्यवाही के दौरान पक्ष-विपक्ष के विधायकों को धरना पर बैठे विधायकों को लाने का निर्देश स्पीकर द्वारा दिया जाता है़
मंगलवार को विधायक दल की बैठक में कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत की ओर से ही यह मामला स्पीकर के संज्ञान में लाया गया़ बैठक में यह चर्चा हुई कि पोस्टर, स्लोगन, पंचलाइन आदि लिखा हुआ शर्ट व टी-शर्ट पहन कर प्रवेश करना सदन की गरिमा के अनुरूप नहीं है़ श्री भगत ने कहा कि संसदीय परंपरा के दायरे में मुद्दों को उठाना व दर्ज करना ठीक है, लेकिन विधानसभा भवन के मुख्य द्वार के बाहर माननीय सदस्यों का धरना देने की परंपरा उचित प्रतित नहीं होती.
स्पीकर दिनेश उरांव सहित मुख्यमंत्री रघुवर दास, संसदीय कार्यमंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा भी इस मुद्दे पर सहमत थे़ स्पीकर श्री उरांव ने कहा कि इस मुद्दे पर कार्यमंत्रणा में चर्चा कर ली जायेगी़ स्पीकर श्री उरांव ने कहा कि सदन के संचालन के निमित्त सभी से सहयोग की अपेक्षा की है़ सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होगी़ हमें इस बात का पूरा ध्यान रखना होगा कि अभिभाषण के दौरान किसी प्रकार का सभा में व्यवधान उत्पन्न न हो़
स्पीकर ने अधिकारियों के साथ की बैठक, तैयारी का जायजा लिया
स्पीकर दिनेश उरांव ने विधानसभा सत्र को लेकर आला अधिकारियों के साथ बैठक की़ इसमें विधानसभा सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था, यातायात, बिजली व्यवस्था सहित कई मुद्दे पर चर्चा की़
विभागीय स्तर पर हो रही तैयारियों की समीक्षा की़ अल्पसूचित व तारांकित प्रश्नों के उत्तर निर्धारित तिथि से एक दिन पूर्व विभागों द्वारा सभा सचिवालय को उपलब्ध कराने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया़ स्पीकर ने बताया कि अभी तक औसतन 67 प्रतिशत प्रश्नों के जवाब ऑनलाइन प्रणाली के तहत आते हैं.
उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि ऑनलाइन उत्तर दिये जाने की दिशा में और अधिक सजग रहने की आवश्यकता है़ बैठक मेें स्पीकर ने बताया कि लंबित आश्वासनों की संख्या 1731 है, लंबित शून्यकाल की संख्या 873, लंबित निवेदन की संख्या 352 व लंबित ध्यानाकर्षणों की संख्या 14 है़
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