रांची : लगभग 47 वर्ष बाद मंडल डैम (नॉर्थ कोयल प्रोजेक्ट) का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच जनवरी यानी आज पलामू में करेंगे. इस परियोजना का लाभ झारखंड के कई गांवो को मिलेगा. ऐसा सरकार का दावा है. कथित तौर पर इसका उद्घाटन भी हो चुका है. बता दें कि इस परियोजना को स्वीकृति उस वक्त दी गयी थी, जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं. 1970 में. इसके एक साल बाद यानी 1971 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने इसका शिलान्यास किया.
मंडल डैम की बात करें, तो यह कांग्रेस सरकार द्वारा बनायी गयी परियोजनाअों में से एक है. 1967-68 में डैम के निर्माण के लिए सर्वे हुआ. इसके बाद भवनाथपुर के तत्कालीन विधायक हेमेंद्र प्रताप देहाती ने 1969 में बिहार विधानसभा के समक्ष धरना दिया. इस प्रोजेक्ट का जोरदार विरोध किया. उनका मानना था कि इस परियोजना से पलामू के किसानों को कोई लाभ नहीं होगा.
तब बिहार सरकार ने एक कमेटी बनाकर उससे रिपोर्ट मांगी. उस वक्त पलामू अविभाजित बिहार का हिस्सा था. रिपोर्ट में देहाती की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए डैम के निर्माण को हरी झंडी दे दी गयी. तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने 1971 में मोहम्मदगंज गांव में इसका शिलान्यास किया. 1993 में डैम का निर्माण बंद हो गया. फाटक को छोड़कर इसके तमाम काम हो चुके थे. इसके बाद लगभग तैयार हो चुके इतने बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर पर किसी ने ध्यान नहीं दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालने के बाद दशकों से लंबित परियोजनाअों को पूरा करने का फैसला किया. इसी फैसले के तहत मंडल डैम के अधूरे कार्यों को भी पूरा करने का फैसला हुआ. 70 के दशक में किसानों की समृद्धि के लिए शुरू की गयी इस परियोजना का काम अब पूरा हो रहा है. हालांकि, जिस कांग्रेस सरकार ने परियोजना बनायी और उस पर काम शुरू किया, वही कांग्रेस आज इसका विरोध कर रही है.