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रांची : जनता के अधिकार को बचाना राज्य सरकार का पहला कर्तव्य : अर्जुन मुंडा
हरमू मैदान में पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा का महासम्मेलन रांची : देश में आज जहां भी नये राज्य का गठन हो रहा है, उसका एकमात्र उद्देश्य उस राज्य के लोगों के हितों की रक्षा करना है. उक्त बातें पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने रविवार को पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा द्वारा हरमू मैदान में आयोजित महासम्मेलन […]
हरमू मैदान में पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा का महासम्मेलन
रांची : देश में आज जहां भी नये राज्य का गठन हो रहा है, उसका एकमात्र उद्देश्य उस राज्य के लोगों के हितों की रक्षा करना है. उक्त बातें पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने रविवार को पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा द्वारा हरमू मैदान में आयोजित महासम्मेलन में कही. उन्होंने कहा कि जनता के अधिकार को बचाना राज्य सरकार का पहला कर्तव्य है.
श्री मुंडा ने कहा कि हाल ही में पलामू के कुछ युवाओं ने शिकायत की थी कि उन्हें राज्य सरकार द्वारा निकाली गयी बहाली में नौकरी नहीं मिल रही है, जबकि अन्य राज्यों के युवाओं को नौकरी मिल जा रही है.
ऐसे में हमें गंभीर होना पड़ेगा. यहां के लोगों के हितों को देखते हुए नियम बनाना पड़ेगा. इसके लिए राज्य सरकार चाहे तो सर्वदलीय बैठक बुला सकती है. इसमें सभी दलों के लोगों के बीच हेल्दी डिबेट हो. इसमें निकले निष्कर्ष के आधार पर ही राज्य सरकार को नियम बनाना चाहिए.
गांडेय विधायक प्रो जयप्रकाश वर्मा ने कहा कि राज्य में पिछड़ों की आबादी 56 प्रतिशत है, लेकिन उस हिसाब से हमें आरक्षण नहीं मिला है. श्री वर्मा ने कहा कि राज्य सरकार यह तर्क देती है कि हम 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दे सकते हैं, जबकि महाराष्ट्र समेत कई राज्य 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दे रहे हैं.
ऐसे में राज्य सरकार चाहे तो पिछड़ों का आरक्षण बढ़ा सकती है. श्री वर्मा ने कहा कि हम किसी का अधिकार नहीं छीन रहे हैं. हमारा जो अधिकार है, वह राज्य सरकार हमें दे दे. इसके लिए राज्य के सभी ओबीसी को एकजुट होना पड़ेगा. आज ओबीसी टुकड़े में बंटे हुए हैं. इसलिए उनका हक नहीं मिल रहा है.
अगर सभी एकजुट हो गये, तो हक जरूर मिलेगा. पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष लालचंद महतो ने कहा कि अगर राज्य सरकार 73 प्रतिशत आरक्षण लागू नहीं करती है, तो इस आंदोलन को गांवों तक ले जाया जायेगा. कार्यकारी अध्यक्ष रमाकांत महतो ने कहा कि 14 नोटिफाइड जिलों को आबादी के हिसाब से डिनोटिफाइड किया जाये. इसके अलावा आबादी के हिसाब से रिजर्वेशन दिया जाये.
कार्यक्रम को पूर्व विधायक छत्रु राम महतो, शंकर चौधरी, राजेंद्र महतो, अनुज कुमार सिन्हा, उपेंद्र सिंह, अब्दुल खालिक, गौरी शंकर यादव, रेखा देवी, गंगा प्रसाद शर्मा, अरुण कश्यप, श्रीचंद प्रजापति, राजू प्रजापति, पुरन कुमार, सागर कुमार, दिनेश सोनी आदि ने संबोधित किया.
प्रस्ताव को सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया : श्री मुंडा ने पिछड़ों के 36 प्रतिशत आरक्षण पर कहा कि उन्होंने राज्य में 73 प्रतिशत आरक्षण करने का प्रस्ताव सरकार को दिया था. इसके बाद मामला कोर्ट में गया. इसके बाद राज्य सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया. सुप्रीम कोर्ट से यह आदेश आया कि राज्य सरकार चाहे तो वह 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दे सकती है.
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