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आयकर विभाग ने झारखंड के बड़े करदाताओं को किया सम्मानित, कहा-आपके टैक्स से चलता है देश, नहीं पहुंचे महेंद्र सिंह धौनी

सम्मान समारोह में नहीं पहुंचे महेंद्र सिंह धौनी के कोई भी प्रतिनिधि रांची : आप जो टैक्स भरते हैं, उसी से देश चलता है. उसी से सेनाओं के हाथ मजबूत होते हैं. उसी से सड़कों का निर्माण होता है. इसलिए टैक्स का महत्व है. बिना पैसे के कुछ नहीं होता है. गाढ़ी कमाई से टैक्स […]

सम्मान समारोह में नहीं पहुंचे महेंद्र सिंह धौनी के कोई भी प्रतिनिधि
रांची : आप जो टैक्स भरते हैं, उसी से देश चलता है. उसी से सेनाओं के हाथ मजबूत होते हैं. उसी से सड़कों का निर्माण होता है. इसलिए टैक्स का महत्व है. बिना पैसे के कुछ नहीं होता है. गाढ़ी कमाई से टैक्स देते हैं, यह बड़ी बात है.
यह बातें प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (बिहार एवं झारखंड) केसी घुमरिया ने शुक्रवार को होटल रेडिशन ब्लू में कही. श्री घुमरिया बड़े करदाताओं के सम्मान समारोह में बोल रहे थे. इस अवसर पर मुख्य आयकर आयुक्त, रांची वी महालिंगम ने कहा कि करदाताओं को प्रोत्साहित करने के मकसद से यह पहल की गयी है. झारखंड चेंबर के अध्यक्ष दीपक मारू ने कहा कि सम्मान देना अच्छी मुहिम है. इससे व्यापारियों के अंदर उत्साह जगता है. मौके पर इनकम टैक्स बार एसोसिएशन के चेयरमैन महेंद्र चौधरी सहित कई अधिकारी उपस्थित थे.
विभाग ने इन्हें किया सम्मानित : आयकर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए व्यक्तिगत स्तर पर बड़े करदाता भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी, नंद किशोर चौधरी एवं उदय शंकर प्रसाद को सम्मानित किया.
हालांकि, महेंद्र सिंह धौनी की ओर से कोई भी प्रतिनिधि सम्मान लेने के लिए नहीं पहुंच पाया. वहीं, कॉरपोरेट क्षेत्र में कोल इंडिया लिमिटेड, रांची, टिमकेन इंडिया लिमिटेड, जमशेदपुर एवं जमीपोल लिमिटेड, जमशेदपुर को सम्मानित किया गया. इसी प्रकार फर्म में रांची स्थित बिग शॉप, कश्यप मेमोरियल आइ हॉस्पिटल एवं ब्रदर्स अकादमी को सम्मानित किया. विभाग के अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया. सभी को प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (बिहार एवं झारखंड) केसी घुमरिया एवं मुख्य आयकर आयुक्त, रांची वी महालिंगम ने मोमेंटो देकर सम्मानित किया.
ये अधिकारी हुए सम्मानित : राम प्रवेश रजक, बब्लू कच्छप, कुमार सोनल, विशाल कुमार, अरविंद कुमार प्रसाद, मनीष कुमार, प्रमोद कुमार सिन्हा, राजू राम, विकास कुमार, धीरज कुमार राम, भूपेंद्र कुमार, राकेश कुमार, उमेश कुमार वर्मा, प्रमोद पंडित, धनंजय कुमार, नीलिमा भगत, उज्ज्वल तिवारी, सुजीत सिन्हा, संतोष कुमार राय, सुनील कुमार, संतोष चौबे, मनोज कुमार सिन्हा, शिवलाल, बिपिन कुमार सिंह, अजीत कुमार, बलिराम रजक, पंकज कुमार, शिव कुमार, निरंजन कुमार, राजेश श्रीवास्तव, प्रवीण कुमार चौहान, रूपक प्रसाद, अनूप कुमार, सत्येंद्र कुमार, शैलेश कुमार, सुशील कुजूर, राजेश विश्वकर्मा, एंथोनी लकड़ा, अरविंद प्रसाद, महेंद्र कुमार राणा, राम अयोध्या, गोप नाथ, कुमार कनिष्का, संजय कुमार पांडेय, कुंदन कुमार, राजकिशोर साह, सतीश कुमार सिंह, तरूण दूरदर्शी, मदन मोहन सिंह, आनंद पासवान, जय कुमार, अभय कुमार दुबे, आरके चौधरी, रंजन कुमार गर्ग, सुनील कुमार सिंह, तरुण विकास, सुशील कुमार, पीके दान, अंजलि लकड़ा, एमटी किस्कू, एसबी शर्मा, कन्हैया चौधरी, एसएल कोन्गारी, संजीव कुमार दास, मोनिका मिंज, उमा शंकर सिंह, जयंत कुमार भट्टाचार्य, कमलेश कुमार सिन्हा, एम. तिर्की, जमाल अंजुम, धर्मेंद्र कुमार, उमेश कुमार, एसी लाल, शैल कुमार एवं एसके सामल को सम्मानित किया गया.
वित्तीय वर्ष 2017-18 के टॉप टैक्स पेयर्स
व्यक्तिगत श्रेणी
क्रम नाम रिटर्न इनकम
प्रथम महेंद्र सिंह धौनी, रांची 57.04 करोड़
द्वितीय नंद किशोर चौधरी, रांची 2.82 करोड़
तृतीय उदय शंकर प्रसाद, रांची 2.33 करोड़
कॉरपोरेट
क्रम नाम रिटर्न इनकम
प्रथम सीसीएल 2767.28 करोड़
द्वितीय टिमकेन इंडिया, जमशेदपुर 121 करोड़
तृतीय जमीपोल लिमिटेड, जमशेदपुर 42.01 करोड़
फर्म
क्रम नाम रिटर्न इनकम
प्रथम बिग शॉप, रांची 5.82 करोड़
द्वितीय कश्यप मेमोरियल आइ हॉस्पिटल, रांची 3.23 करोड़
तृतीय ब्रदर्स अकादमी, रांची 3.01 करोड़
रांची : ज्यादातर प्रा‌इवेट लिमिटेड कंपनियों के प्रीमियम फर्जी ­: अपर आयुक्त
रांची : ज्यादातर प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के प्रीमियम फर्जी हैं. यह है तो बहुत, लेकिन इसका सही ब्योरा उपलब्ध नहीं है. वर्ष 2013 में सबसे ज्यादा 1.62 लाख कंपनियां महाराष्ट्र में निबंधित हुई. दिल्ली में 1.61 और कोलकाता में 1.2 लाख कंपनियां निबंधित हुईं.
जबकि आंध्र प्रदेश में 0.44 लाख कंपनियां निबंधित हुईं. अपर आयुक्त अजय कुमार ने ‘आयकर मंथन’ सेमिनार में तकनीकी पहलुओं की जानकारी देते हुए यह बातें कही. प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त केसी घुमरिया, महानिदेशक अनुसंधान एसआर मल्लिक और मुख्य आयकर आयुक्त वी महालिंगम ने दीप प्रज्वलित कर सेमिनार की शुरुआत की.
शुक्रवार को झारखंड-बिहार के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त कैलाश चंद्र घुमरिया की अध्यक्षता में आयोजित सेमिनार में अपर आयुक्त ने शेयर प्रीमियम, शेल कंपनियों से लिये गये असुरक्षित कर्ज से जुड़े मामलों के असेसमेंट के कानूनी और तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि शेल कंपनियां काले धन को सफेद करने का काम करती हैं. कोलकाता आयकर के आंकड़ों के उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 2012-13 में सिर्फ कॉरपोरेट के एक क्षेत्र में 2500 कंपनियों को स्क्रूटनी के लिए चुना गया था. हर कंपनी का औसतन प्रीमियम 19 करोड़ रुपये था.
यानी इन 2500 कंपनियों में 47,500 करोड़ का प्रीमियम शामिल था. कोलकाता में चार कॉरपोरेट क्षेत्र हैं. इस हिसाब से इन सभी कॉरपोरेट क्षेत्रों में 1.9 लाख करोड़ रुपये की पूंजी शामिल थी. उस समय पूरे देश में स्क्रूटनी के लिए चुनी गयी कंपनियों में 10 लाख करोड़ रुपये की राशि शामिल होने का अनुमान था.
अपर आयुक्त ने शेल कंपनियों के असेसमेंट में आनेवाली कानूनी अड़चनों और निदान के बिंदु पर भी अपनी राय व्यक्त की. निदेशक अनुसंधान संजीव दत्त और संयुक्त निदेशक अनुसंधान मनीष झा ने आंकड़ा जुटाना, उसके विश्लेषण के कानूनी और तकनीकी पहलुओं के बारे में बताया. इन अधिकारियों ने इलेक्ट्रानिक आंकड़ों के सत्यापन के साथ ही सर्च ऑपरेशन और सर्वे से जुड़ी कानूनी व तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी.
रांची के प्रधान आयकर आयुक्त आरएन सहाय ने ज्वाइंट वेंचर कंपनियों, दान पत्र से जुड़े मामलों के असेसमेंट से जुड़ी कानूनी और तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी. सहायक आयुक्त प्रदीप डुंगडुंग ने इनकम टैक्स बिजनेस एप्लिकेशन (आइटीबीए) के इ-असेसमेंट के कानूनी और तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी.
इसके बाद वरीय अधिकारियों ने कनीय अधिकारियों द्वारा किये गये सवालों के जवाब दिये. सेमिनार के सफल आयोजन में संयुक्त आयुक्त निशा उरांव, उपायुक्त चिन्मया ए मराठे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
सेमिनार का उद्देशय वरीय अधिकारियों का अनुभव बांटना, परेशानियों से निबटने की जानकारी मिली
‘आयकर मंथन’ सेमिनार का उद्देश्य वरीय अधिकारियों का अनुभव बांटना है. इससे कनीय अधिकारियों को अपने काम के दौरान आनेवाली परेशानियों से निबटने को कानूनी और तकनीकी पहलुओं की जानकारी मिली. विभाग ने पहली बार बड़े करदाताओं के साथ ही बेहतर काम करनेवाले विभाग के अधिकारियों को सम्मानित किया है.
बड़े करदाताओं का चयन तीन क्षेत्रों से किया गया है. व्यक्तिगत करदाता, कॉरपोरेट और फर्म के क्षेत्र से तीन-तीन बड़े करदाताओं का चयन किया गया है. इनके चयन में इस बात का ध्यान रखा गया है कि इनके खिलाफ कर वंचना का कोई मामला नहीं हो.

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