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एग्रो-फूड समिट : पिछले चार वर्षों में जैसा बदलाव झारखंड के किसानों के जीवन में आया, वैसा दूसरे राज्यों में नहीं हो सका

खेलगांव में शुरू हुआ दो दिवसीय ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट रांची : नीति आयोग के सीइओ अमिताभ कांत ने कृषि क्षेत्र में झारखंड सरकार द्वारा पिछले चार साल में किये गये कार्यों की सराहना की. कहा कि झारखंड में पिछले चार वर्षों में कृषि क्षेत्र में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. पिछले चार […]

खेलगांव में शुरू हुआ दो दिवसीय ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट
रांची : नीति आयोग के सीइओ अमिताभ कांत ने कृषि क्षेत्र में झारखंड सरकार द्वारा पिछले चार साल में किये गये कार्यों की सराहना की. कहा कि झारखंड में पिछले चार वर्षों में कृषि क्षेत्र में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. पिछले चार वर्षों में जो बदलाव झारखंड के किसानों के जीवन में हुआ है, वो देश के किसी भी राज्य में नहीं हुआ है. भारत सरकार ने 2022 तक कृषकों की आय को बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. टमाटर, प्याज, मटर आदि की फसल को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है.
उत्पादन क्षेत्र को आगे बढ़ाने में राज्य सरकार और केंद्र सरकार प्रयासरत है. मत्स्य उत्पादन क्षेत्र में भी झारखंड ने 83 प्रतिशत की वृद्धि की है. अमिताभ कांत गुरुवार को खेलगांव में ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि किसान दूध उत्पादन, मत्स्य पालन की सहायता से अपनी आय को बढ़ाने का काम करें.
उन्होंने किसानों को आॅर्गेनिक उत्पादन के लिए प्रेरित किया. साथ ही आशा जतायी कि आने वाले वर्ष में किसानों की आय दोगुनी नहीं बल्कि चार गुनी बढ़ जायेगी. उन्होंने कहा कि किसानों को आगे बढ़ाने की दिशा में मुख्यमंत्री की सोच के अनुरूप सफलता पूर्वक काम हो रहा है. इससे पहले कृषि सचिव पूजा सिंघल ने अतिथियों का स्वागत किया. कहा कि देश व दुनिया में किसान उन्नत कर रहे हैं.
इस समिट के माध्यम से झारखंड के किसानों को काफी सीखने व समझने का मौका मिलेगा. ऑर्गेनिक खेती आने वाले समय की मांग है. सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कार्य कर रही है. धन्यवाद ज्ञापन उद्योग सचिव के रवि कुमार ने किया. समिट के दौरान निर्यातक अब्दुल हमीद खान ने अपना अनुभव साझा किया.
मुख्य सचिव ने कहा हमारे किसान मेहनतकश हैं कृषि के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़ा होगा झारखंड
मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि झारखंड के पास एग्रो क्लाइमेटिक जोन और मेहनतकश कृषक हैं. आज जब हम यहां खड़े होकर यह दावा करते हैं कि कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में हमारे पास यह संभावना है कि हम अग्रणी राज्यों और देशों के समकक्ष खड़े हों, तो उसके पीछे वर्तमान सरकार की चार साल की मेहनत का साक्ष्य है. पिछले चार सालों में कृषि के क्षेत्र में अनेक नये प्रयोग किये गये हैं.
कृषि सेवाओं के लिए सिंगल विंडो की स्थापना, कृषकों को स्वॉयल हेल्थ कार्ड का वितरण, व्यापक स्तर पर फार्मर प्रोड्यूसर ग्रुप और महिला स्वयं समूह का गठन, जल स्रोतों का पुनरुद्धार, फल सब्जी उत्पादन, डेयरी और मत्स्य उत्पादन में चहुंमुखी विकास, बंजर भूमि को कृषि के अंतर्गत लाना, कृषि बाजार का आधुनिकीकरण करना और सबसे महत्वपूर्ण कृषि आधारित उद्योगों के लिए एक आकर्षक नीति का सुदृढ़ीकरण करना.
कृषि के क्षेत्र में झारखंड के साथ काम करेंगे
माया कदोश
एंबेसी ऑफ इजरायल
एंबेसी ऑफ इजरायल की चार्ज दी अफेयर्स माया कदोश ने कहा कि कृषि एवं जल प्रबंधन के क्षेत्र में किस तरह से उन्नत तकनीक का प्रयोग कर उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है, इस दिशा में झारखंड के साथ मिल कर कार्य करेंगे. झारखंड राज्य खनिज, वन और कृषि संपदा में संपन्न राज्य है. यह समिट झारखंड के खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में संभावनाओं में और निखार लायेगा. इसका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा, जल प्रबंधन और सिंचाई के क्षेत्र में नवीनतम तकनीक का प्रयोग करके कृषि उत्पादकता को बढ़ाना है. एक साथ मिल कर हम लाखों कृषकों की जिंदगी बदलने के लिए प्रयास करेंगे.
दूध उत्पादन के क्षेत्र में निर्भर बन सकता है झारखंड
आरएस सोढ़ी
अमूल इंडिया के एमडी
अमूल इंडिया के एमडी आरएस सोढ़ी ने कहा कि जब कभी भी झारखंड के विकास की बात होगी, तो ग्रामीण क्षेत्र के विकास की बात पहले आयेगी. उन्होंने कहा कि भारत विश्व में दूध उत्पादन में पहले नंबर पर है. यहां हर दिन 50 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है. कहा कि झारखंड में प्रतिदिन 130 लाख लीटर दूध की जरूरत है. अभी भी यहां 75 लाख लीटर दूध की प्रतिदिन कमी है, जो दूसरे राज्यों से पूरी होती है. अगर हम प्रतिदिन 25 लाख लीटर दूध का उत्पादन भी करते हैं तो आठ से 10 करोड़ रुपये की आय होगी. उन्होंने कहा कि झारखंड दूध उत्पादन में पूरी तरह आत्मनिर्भर बन सकता है.
झारखंड में निवेश करेगी कोका कोला कंपनी
इश्तियाक अहमद
कोका कोला इंडिया के वीपी
कोका कोला इंडिया के वीपी इश्तियाक अहमद ने कहा कि हिंदुस्तान सहित कई देशों में सबसे ज्यादा फूड प्रोसेसिंग में कंपनी काम कर रही है. कंपनी फल, सब्जी, डेयरी मिल्क आदि में काम कर रही है. 2017 से 2022 तक कंपनी 1000 करोड़ का निवेश फूड के क्षेत्र में करने वाली है. इसके पीछे उद्देश्य है कि किसानों की आय किस तरह बढ़ सके. उन्होंने बताया कि भारत में फूड प्रोसेसिंग में बहुत कम काम हुए हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड में भी वे इस क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मेरी पैदाइश और पढ़ाई रांची में हुई है. इस कारण मेरा व्यक्तिगत रुझान भी झारखंड को आगे बढ़ाने में ज्यादा है.
निवेश से राज्य के किसानों की आय में होगी वृद्धि
गोन्चिंग गैनबोल्ड
एंबेसी ऑफ मंगोलिया
एंबेसी ऑफ मंगोलिया के गोन्चिंग गैनबोल्ड ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और मंगोलिया सबसे छोटा लोकतंत्र वाला राज्य है. उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में मंगोलिया सरकार ने कई काम किये हैं. कृषि क्षेत्र में काम करने के कारण देश में काफी प्रगति हुई है.
वर्ष 2019 में 6.2 प्रतिशत वृद्धि कृषि क्षेत्र में होगी. झारखंड में कई देशों के निवेशक कृषि क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं. इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी. खासकर यहां की सरकार किसानों को लेकर काफी काम कर रही है़ इससे उम्मीद कर सकते हैं कि आनेवाले समय में यहां के किसानों की आय बढ़ेगी.
कृषि मंत्री ने पढ़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश
रणधीर कुमार सिंह
कृषि मंत्री, झारखंड
कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री रणधीर कुमार सिंह ने कहा कि गुजरात के बाद झारखंड ऐसा दूसरा राज्य है, जहां कृषि समिट का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्जेंटीना गये हुए हैं. श्री सिंह ने प्रधानमंत्री के संदेश को पढ़ा.
कृषि के क्षेत्र में झारखंड में निवेश के लिए काफी संभावनाएं
सोंग जोगुवा
कृषि मंत्रालय,चीन
चीन के कृषि व ग्रामीण विकास मंत्रालय के डिप्टी डायरेक्टर जनरल सोंग जोगुवा ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में विकास को लेकर ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूट समिट अच्छा प्लेटफॉर्म है. समिट का पार्टनर कंपनी बन कर चीन अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा है. कृषि के क्षेत्र में चीन व भारत में कई समानताएं हैं. यहां निवेश की भी काफी संभावनाएं हैं.
फूड समिट से निवेश के द्वार खुलेंगे
एंबेसी ऑफ फिलीपींस के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन एरविन डी लियोन ने कहा कि कृषि फूड सिक्यूरिटी की रीढ़ है. इस समिट से फिलीपींस और झारखंड के बीच निवेश के द्वार खुलेंगे. अगली बार फिलीपींस के और प्रतिनिधि यहां आयेंगे.
एक लाख टन टमाटर उत्पादन करने का लक्ष्य : प्रदीप्ता
सफल के प्रदीप्ता कुमार साहू ने कहा कि 2016 में हमारी कंपनी ने झारखंड में प्लांट लगाने की पेशकश की थी. 30 दिन बाद हमें 27 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी गयी. एक साल बाद हमने 100 करोड़ की कंपनी का निर्माण किया और मटर व अमरीकन स्वीट कॉर्न का उत्पादन प्रारंभ किया.
आज झारखंड के कटहल का निर्यात सिंगापुर में हो रहा है और राज्य के किसानों को फायदा भी हो रहा है. आने वाले दिनों में कंपनी ने एक लाख टन टमाटर उत्पादन का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि 50 हजार किसानों को कंपनी जोड़ेगी.
कृषि व फूड प्रोसेसिंग में संभावनाओं पर दिखायी गयी फिल्म
समिट के दौरान झारखंड में कृषि व फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में विकास की संभावनाओं पर बनायी गयी तीन लघु फिल्म भी दिखायी गयी.

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