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रांची : 1750 प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदेगी सरकार, जानिए कैबिनेट के अन्य फैसलों के बारे में
किसानों को 15 दिनों में राशि का होगा भुगतान रांची : कैबिनेट ने धान खरीद का समर्थन मूल्य 1750 रुपये रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया. किसानों को अधिकतम 15 दिनों में राशि भुगतान करने का निर्णय लिया गया . हालांकि, पिछले वर्ष की तरह इस बार बोनस देने के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं किया […]
किसानों को 15 दिनों में राशि का होगा भुगतान
रांची : कैबिनेट ने धान खरीद का समर्थन मूल्य 1750 रुपये रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया. किसानों को अधिकतम 15 दिनों में राशि भुगतान करने का निर्णय लिया गया . हालांकि, पिछले वर्ष की तरह इस बार बोनस देने के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं किया गया. कैबिनेट ने बोनस देने पर पड़नेवाले वित्तीय भार का आकलन करने का भी निर्देश दिया.
कैबिनेट के फैसले के आलोक में एक दिसंबर (2018) से 31 मार्च 2019 तक धान की खरीद की जायेगी. भारत सरकार ने धान खरीदने में निजी संस्थाओं को शामिल करने की अनुमति दी थी. इसके आलोक में टेंडर प्रकाशित किया गया था, लेकिन किसी ने टेंडर नहीं भरा.
इस स्थिति को देखते हुए फैसला किया गया कि पलामू प्रमंडल में फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के माध्यम से और शेष चार प्रमंडलों में झारखंड स्टेट फूड कॉरपोरेशन के माध्यम से धान की खरीद की जायेगी. धान खरीद के लिए फिलहाल 239 केंद्र चिह्नित किये गये हैं.
जिले के उपायुक्त आवश्यकता के अनुरूप इसकी संख्या बढ़ा सकेंगे. इस बार धान क्रय केंद्र पर ही खरीद से संबंधित डाटा ऑनलाइन करने की व्यवस्था की जा रही है. इसके तहत क्रय मूल्य पर बीसीओ, जनसेवक, एकाउंटेंट कंप्यूटर ऑपरेटर होंगें. यह व्यवस्था भी की गयी है कि मिल के पास धान पहुंचते ही वह उसके बदले चावल दे देंगे.
धान खरीद के लिए रिवाॅल्विंग फंड के रूप में 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह रिवाॅल्विंग फंड पहले चीनी के लिए निर्धारित थी. लैंप्स-पैक्स के गोदाम में जगह की कमी होने की स्थिति में बाजार समिति के गोदाम किराये पर लेने का प्रावधान किया गया है. डिफाल्टर लैंप्स और पैक्स के माध्यम से धान की खरीद नहीं की जायेगी.
इस साल धान खरीद का समर्थन मूल्य भारत सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य ही रखा गया है. पिछले साल भारत सरकार का समर्थन मूल्य कम होने की वजह से राज्य सरकार ने 150 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस देने का फैसला किया था. उसके बाद 1600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीद की गयी थी. इस साल धान खरीद पर बोनस देने की स्थिति में पड़नेवाले वित्तीय भार का आकलन करने का निर्देश दिया गया है. एक-दो दिनों में इसका आकलन करते हुए मुख्य सचिव को सूचित किया जायेगा.
कैबिनेट ने जमशेदपुर शहरी अंश के अंतर्गत फोर लेन एलिवेटेड कॉरिडोर और अन्ना चौक-गोविंदपुर बाइपास पहुंच पथ निर्माण के लिए 163.53 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी. इस काम को वर्ष 2020-21 तक पूरा किया जायेगा. चालू वित्तीय वर्ष में 40 प्रतिशत और उसके बाद के दो वर्षों में 30-30 प्रतिशत राशि खर्च की जायेगी.
प्राकृतिक आपदा में मरनेवाले लोगों के आश्रितों को मुआवजा देने के नियम बदले
कैबिनेट ने प्राकृतिक आपदा में मरनेवाले लोगों के आश्रितों को मुआवजा देने के लिए पूर्व निर्धारित शर्तों में बदलाव किया है. इसके तहत अब पोस्टमार्टम नहीं होने, एफआइआर नहीं होने और मृतक का शव नहीं मिलने की स्थिति में भी उनके आश्रितों को मुआवजे की राशि प्रदान की जायेगी.
शव नहीं मिलने पर जिले के उपायुक्त द्वारा संबंधित व्यक्ति की तसवीर के साथ लापता होने का विज्ञापन प्रकाशित किया जायेगा. दंडाधिकारी द्वारा जांच करायी जायेगी. एक महीने के बाद मुआवजा भुगतान के लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी की जायेगी.
पलामू प्रमंडल में फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया व चार प्रमंडलों में झारखंड स्टेट फूड कॉरपोरेशन के माध्यम से खरीदी जायेगी धान
एक दिसंबर 2018 से 31 मार्च 2019 तक धान की खरीद की जायेगी
धान खरीद के लिए 239 केंद्र चिह्नित किये गये हैं
उपायुक्त (डीसी) आवश्यकतानुसार केंद्रों की संख्या बढ़ा सकेंगे
धान क्रय केंद्र पर ही खरीद से संबंधित डाटा ऑनलाइन करने की व्यवस्था होगी
धान खरीद के लिए रिवाॅल्विंग फंड के रूप में 200 करोड़ रुपये का प्रावधान
जेपी और वनांचल आंदोलनकारी चिह्नितिकरण आयोग को एक साल का अवधि विस्तार
कैबिनेट ने जेपी और वनांचल आंदोलनकारी चिह्नितिकरण आयोग को एक साल के लिए अवधि विस्तार देने की स्वीकृति प्रदान की. आयोग के पास फिलहाल 50 हजार आवेदन विचाराधीन हैं. आयोग ने अब तक 212 जेपी आंदोलनकारी और 3300 झारखंड आंदोलनकारी को चिह्नित करने का काम किया है.
कैबिनेट के अन्य फैसले
राज्य खाद्य आयोग को सचिवालय का
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