बुधमनी मिंज
खेती-बारी में झारखंड की महिलाओं का अहम योगदान रहता है. वह पुरुषों के साथ कंधे-से-कंधा मिला कर खेतों में कड़ी मेहतन कर अन्न उपजाती हैं. सब्जियों के उत्पादन से लेकर उसे बाजारों में बेचने का काम भी महिलाएं करती हैं. इसके बावजूद किसान कहलाने का क्रेडिट पुरुषों को चला जाता है. अपने पसीने की मेहनत, धैर्य और आगे बढ़ने के हौसले से झारखंड की तीन महिलाओं ने इस मिथक को तोड़ा है. इन्हें महिला किसान अवार्ड के लिए चयनित किया गया है. दिल्ली में पहली बार महिला किसान अवार्ड का आयोजन किया जा रहा है. इसके लिए देशभर से 112 महिला किसानों का चयन किया गया है.
महिला किसानों की है अपनी पहचान
झारखंड की तीन सफल महिला किसानों में रामगढ़ जिले से रीता देवी, गोड्डा जिले से पानवती देवी एवं गढ़वा जिले से शोभा तिवारी हैं. खेती-बारी में आज इनकी अपनी पहचान है. इन्हें अपने-अपने क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करने एवं सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित करने का प्रयास करने को लेकर अवार्ड के लिए चयनित किया गया है. ये महिला किसान खेती-बारी से जहां अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत कर रही हैं, वहीं अपने बच्चों का भविष्य भी संवार रही हैं.