रांची : कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई के कर्मी और उनके आश्रित सेवानिवृत्ति के बाद अधिकतम आठ लाख रुपये तक का इलाज करा सकते हैं. कंट्रीब्यूटरी पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकल स्कीम के तहत कोल इंडिया ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है. आश्रित की मौत हो जाने के बाद शेष बची राशि का उपयोग अन्य बचे सदस्य कर सकते हैं.
पहले यह राशि पांच लाख रुपये थी. इसमें पति-पत्नी 2.5-2.5 लाख रुपये का इलाज करा सकते थे. अब इसमें सुधार किया गया है. अब पति-पत्नी में कोई भी सदस्य आठ लाख रुपये तक का इलाज करा सकते हैं. वहीं कर्मी के दिव्यांग बच्चे अधिकतम 2.5 लाख रुपये का इलाज करा सकते हैं. गंभीर बीमारी की स्थिति में यह राशि अनियमित होगी. कोल इंडिया ने कैंसर, हृदय रोग, किडनी, दुर्घटना, लकवा आदि बीमारियों को इस श्रेणी में चिह्नित किया है. यह राशि सीजीएचएस रेट्स के आधार पर निर्धारित होगी. सेवानिवृत्त कर्मी ओपीडी में 25 हजार रुपये तक का सालाना इलाज करा सकते हैं.
40 हजार रुपये का योगदान देना पड़ता है कर्मियों को : सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए कोल इंडिया ने यह स्कीम अनिवार्य कर दिया है. पहले यह स्कीम ऑप्शनल था. इसके तहत रिटायर होने वाले कर्मियों को 40 हजार रुपये देने पड़ते हैं. रिटायरमेंट से 10 माह पहले दो-दो हजार रुपये की दर से राशि काटी जाती है. शेष राशि रिटायरमेंट के समय काटी जाती है. इसमें कंपनी 18 हजार रुपये का योगदान देती है. 10वें वेतन समझौते में कोल इंडिया के रिटायर कर्मियों को मेडिकल सुविधा देने के मुद्दे पर समझौता हुआ था. बाद में इसमें संशोधन किया गया है.
पांच फीसदी छूट पर शेयर खरीद सकते हैं कोल इंडिया कर्मी
कोल इंडिया कर्मी कंपनी का शेयर पांच फीसदी कम रेट पर खरीद सकते हैं. नौ नवंबर को कोल इंडिया के शेयर की कीमत 268.45 रुपये है. कंपनी के कर्मी इसे 254.22 रुपये प्रति शेयर की दर से खरीद सकते हैं. 30 अक्तूबर तक जो कंपनी में काम कर रहे हैं, वे रियायत दर पर शेयर खरीद सकते हैं. शेयर की खरीदारी 12 नवंबर से 12 बजे से लेकर 15 नवंबर की शाम पांच बजे तक की जा सकती है.