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झारखंड में जड़ी बूटियों का भंडार, मेडिसिनल प्लांट बोर्ड को बनाया जायेगा क्रियाशील : मुख्यमंत्री रघुवर दास
आयुर्वेद प्लांट लगाने पर सरकार संस्थान को हर संभव मदद करेगी रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति देश की प्राचीन पद्धति है, जिसे अाज विदेशों में भी अपनाया जा रहा है. आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं. झारखंड जंगलों व वनों का प्रदेश है, जहां सभी […]
आयुर्वेद प्लांट लगाने पर सरकार संस्थान को हर संभव मदद करेगी
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति देश की प्राचीन पद्धति है, जिसे अाज विदेशों में भी अपनाया जा रहा है. आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं. झारखंड जंगलों व वनों का प्रदेश है, जहां सभी पेड़-पौधों में औषधीय गुण हैं.
राज्य सरकार ने मेडिसिनल प्लांट बोर्ड का निर्माण किया है, लेकिन वह उतनी क्रियाशील नहीं है. इसे क्रियाशील किया जायेगा. आयुर्वेदिक दवाई बनाने का काम राज्य में होगा. इससे पारंपरिक ज्ञान सुरक्षित होगा. श्री दास बुधवार को रांची प्रेस क्लब में आरोग्य भारती द्वारा आयोजित ‘स्वास्थ्य व संस्कृति के वाहक औषधीय पौधे’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि लोगों को बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है. गोड्डा में होम्योपैथी कॉलेज का भवन बनकर तैयार हो गया है.
यहां शीघ्र पठन पाठन का कार्य शुरू हो जायेगा. चाईबासा में आयुर्वेदिक कॉलेज का निर्माण कार्य चल रहा है. गिरिडीह में यूनानी कॉलेज का भवन बनकर तैयार है, जिसका संचालन पीपीपी मोड पर किया जायेगा. इटकी में 50 बेड के आयुष अस्पताल के लिए पांच एकड़ जमीन चिह्नित की गयी है. सेंट्रल काउंसिल ऑफ योग एंड नेचुरोपैथी द्वारा योग संचालन एक महीने में प्रारंभ हो जायेगा.
वहीं देवघर में 15 एकड़ जमीन सेंट्रल काउंसिल ऑफ योग एंड नेचुरोपैथी के लिए दी गयी है. श्री अरविंदो के सहयोग से रांची में योग केंद्र का संचालन किया जा रहा है. एनएचएम परिसर में हर्बल गार्डन को विकसित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के सर्वांगीण विकास के लिए आरोग्य भारती व राज्य सरकार समन्वय स्थापित कर कार्य करेगी. ऐसे कार्यक्रम सभी जिलों में हो, जिससे आयुर्वेद के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़े. आयुर्वेद प्लांट लगाने पर सरकार संस्थान को हर संभव मदद करेगी.
आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डाॅ अशोक वाष्णेय ने आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के उपयोग, महत्व व लाभ पर जानकारी दी. मौके पर आरोग्य भारती के राकेश, संघ चालक सिद्धिनाथ सिंह, प्रांत अध्यक्ष डाॅ रश्मि सिन्हा, सह संघ संचालक देवव्रत पाहन, प्रांत प्रचारक रविशंकर, क्षेत्रीय संगठन मंत्री भोलानाथ, प्रांत सचिव देवेंद्र, आयुर्वेदिक चिकित्सक व आरोग्य भारती के सदस्य मौजूद थे.
मां मुझे भी देती थी तुलसी का काढ़ा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मैं छोटा था तो बुखार होने पर मां मुझे भी तुलसी पत्ता का काढ़ा बनाकर देती थी. इससे बुखार ठीक हाे जाता था. वहीं खांसी होने पर नींबू को आधा कर उसे तवा पर गर्म करती थी. उसमेें लौंग आदि पदार्थ डाल कर खाने को देती थी, जिससे खांसी में आराम मिलता था.
उत्कृष्ट कार्य के लिए इनकाे किया गया सम्मानित
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में उत्कृष्ट कार्य करनेवाले लाेगों को सम्मानित किया गया. वैद्य तोरान बानरा, बंधन सिंह खेरवार, मोहन हांसदा, भूषण चंद आदि को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से संबंधित एक पुस्तिका का विमोचन भी किया.
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