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सर! ऐसे तो हम खुद बीमार पड़ जायेंगे
रांची : रिम्स के कई विभाग में बेड से मरीज भरे हुए हैं. इससे मरीजों को परेशानी तो होती ही है, उनकी देखभाल करने वाली नर्सें भी परेशान हैं. गुरुवार रात जब रिम्स निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव और अधीक्षक डॉ वीवेक श्रीवास्तव विभिन्न वार्डों का जायजा लेने पहुंचे, तो वार्डों की स्थिति देख वे खुद […]
रांची : रिम्स के कई विभाग में बेड से मरीज भरे हुए हैं. इससे मरीजों को परेशानी तो होती ही है, उनकी देखभाल करने वाली नर्सें भी परेशान हैं. गुरुवार रात जब रिम्स निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव और अधीक्षक डॉ वीवेक श्रीवास्तव विभिन्न वार्डों का जायजा लेने पहुंचे, तो वार्डों की स्थिति देख वे खुद भी अचंभित हो गये.
न्यूरो वार्ड में क्षमता से दो गुना मरीज (90 बेड की बजाय 180) भर्ती थे. वार्ड में मात्र दो नर्सें सेवा दे रही थीं. पूछने पर अपनी ब्यथा सुनाते हुए नर्सें रो पड़ी. कहा : सर! ऐसी स्थिति में तो हम बीमार हो जायेंगे. नर्सों की व्यथा सुनने के बाद रिम्स निदेशक ने शुक्रवार को मेट्रॉन से वार्ड में आवंटित बेड, नर्सों की संख्या और वर्तमान में मरीजों की संख्या की जानकारी ली.
एडमिनिस्ट्रेटिव आॅफिसर को निर्देश दिया गया कि वह आकलन करें कि कितनी नर्सों को नियुक्त करना होगा. रिम्स निदेशक ने कहा कि मरीजों की बढ़ती संख्या व नर्सों की कमी से इलाज प्रभावित हो रहा है. ऐसे में एडहॉक पर शीघ्र ही 100 नर्सों कों नियुक्त किया जायेगा. किस वार्ड में ज्यादा लोड है और कहां नर्सों की संख्या को बढ़ाना है, इसका आकलन किया जा रहा है.
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