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रातू : सभी धर्म देते हैं आपसी प्रेम का संदेश
रातू : सभी धर्म प्रेम का संदेश देते हैं. किसी मजहब में आपसी बैर की इजाजत नहीं है. हिंदू, मुस्लिम, सिख व ईसाई राजा दशरथ की चार संतान की तरह हैं. हमें मिल जुल कर पारंपरिक एकता को मजबूत बना कर देश को तरक्की के रास्ते पर ले जाने की जरूरत है. यही भारतीय संप्रभुता […]
रातू : सभी धर्म प्रेम का संदेश देते हैं. किसी मजहब में आपसी बैर की इजाजत नहीं है. हिंदू, मुस्लिम, सिख व ईसाई राजा दशरथ की चार संतान की तरह हैं. हमें मिल जुल कर पारंपरिक एकता को मजबूत बना कर देश को तरक्की के रास्ते पर ले जाने की जरूरत है. यही भारतीय संप्रभुता का मूल मंत्र भी है.
उक्त बातें राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष कमाल खान ने कही. वे रविवार को अहमदिया मुस्लिम जमात की ओर से तिलता में आयोजित विश्व संकट तथा शांति पथ विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
आरएसएस के प्रांतीय सर संघ चालक संजय कुमार आजाद ने कहा कि भारतीय संस्कृति मिलजुल कर रहने की सीख देती है. इसका अनुसरण किया जाना चाहिए. मौलाना अकबर खान ने बताया कि जमात दुनिया के 210 देशों में शांति के लिए काम कर रहा है. प्रो एचडी सिंह ने कहा कि मानवता की सेवा सबसे बड़ा धर्म है. संगोष्ठी में गुरविंदर सिंह सेठी, रतन तिर्की, सुभाष मुंडा, मौलाना हसन रशीद, बाबा रत्नम, ललित मुर्मू, नुसरत जहां, योगिंदर सिंह, उमेश ओझा, जटाशंकर झा व अरविंद कुमार ने शांति के लिए सौहार्द्र के साथ रहने की अपील की.
कार्यक्रम की शुरुआत तिलावत-ए-कुरआन से की गयी. संचालन नुरुल होदा ने किया. मौके पर शहजाद कुरैशी, सगीर अहमद, रामनंदन महतो, रमेश दयाल सिंह, कामेश्वर महतो, डॉ आरिफ अहमद, मसूद अहमद, मकबूल अहमद, मुस्ताक अहमद, सलीम अहमद, इसराफिल जिलाही, शाहबाज अहमद, नजमुल होदा, शमसुल होदा, समद मंसूरी, हबीब मंसूरी, आफताब मंसूरी, समीउल्लाह मंसूरी, मो यूसुफ, डॉ नसीम अहमद, शरीफ अहमद व बशीर अहमद आदि उपस्थित थे.
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