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झारखंड में आयुष्मान भारत योजना को रोल मॉडल बनायें : मुख्यमंत्री
राज्य के निजी अस्पतालों के संचालकों के सेमिनार में मुख्यमंत्री ने कहा जनहित में हर प्रकार का निर्णय लागू करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध योजना का लाभ लेने के लिए गोल्डेन कार्ड की जरूरत नहीं है रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत की लांचिंग […]
राज्य के निजी अस्पतालों के संचालकों के सेमिनार में मुख्यमंत्री ने कहा
जनहित में हर प्रकार का निर्णय लागू करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध
योजना का लाभ लेने के लिए गोल्डेन कार्ड की जरूरत नहीं है
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत की लांचिंग झारखंड से की गयी. यह राज्य और यहां की जनता के लिए गौरव की बात है. अब हमें मिल कर इस योजना को जल्द से जल्द सफल बनाना है. इस योजना के क्रियान्वयन में झारखंड रोल मॉडल बने, इसके लिए सभी को प्रयास करना है.
हमें ऐसी व्यवस्था खड़ी करनी है कि लोग चर्चा करें कि आयुष्मान भारत के क्रियान्वयन को देखना है, तो झारखंड जायें. इससे हमारे राज्य का मान बढ़ेगा. इस योजना का लाभ गरीब, शोषित और वंचितों को मिलेगा. जन सहयोग से हम व्यवस्था को व्यवस्थित करने में सफल होंगे. श्री दास शनिवार को स्कीपा सभागार में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत के तहत राज्य के निजी अस्पतालों के संचालकों के लिए सेमिनार को संबोधित कर रहे थे.
जल्द बनेगी स्टेट हेल्थ एडवाइजरी कमेटी
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए जल्द ही स्टेट हेल्थ एडवाइजरी कमेटी बनायी जायेगी, जिसमें निजी अस्पतालों के संचालक भी प्रतिनिधि के रूप में शामिल होंगे. इस कमेटी के अंतर्गत एक टेक्निकल कमेटी भी होगी, जो योजना लागू करने में आ रही समस्याओं व अस्पतालों की समस्याओं पर चर्चा कर सुझाव देगी. इस कमेटी की बैठक हर माह होगी. एडवाइजरी कमेटी की अनुशंसा को राज्य सरकार लागू करेगी.
गोल्डेन कार्ड की जरूरत नहीं
मुख्यमंत्री ने अस्पताल संचालकों से कहा कि मरीजों की मदद के लिए तैनात आरोग्य मित्र व मेडिकल को-ऑर्डिनेटर को सही जानकारी दें. इस बात का भी अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करें कि इस योजना का लाभ लेने के लिए गोल्डेन कार्ड की जरूरत नहीं है. जिस किसी के पास भी राशन कार्ड है, वह राशन कार्ड ले जाकर अस्पताल में दिखायें, योजना का लाभ लेने के लिए यही काफी है.
ऐसा कार्य करें कि आनेवाली पीढ़ी वर्षों तक याद रखे
श्री दास ने कहा कि इलाज में किसी प्रकार की कोताही न हो. कभी कभी शिकायत मिलती है कि जरूरत नहीं पड़ने पर भी मरीजों को अतिरिक्त दिन अस्पताल में ही भर्ती रखा जाता है. अतिरिक्त पैसे चार्ज किये जाते हैं. यह अनैतिक है. इससे धन तो मिलेगा, लेकिन पीड़ित परिवार की आह भी लगेगी. ऐसा कार्य करें कि आनेवाली पीढ़ी आपको वर्षों तक याद रखें.
इलाज को लेकर 164 निजी अस्पताल सूचीबद्ध
स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने कहा कि स्वास्थ्य को लेकर सुविधा प्रदान करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गयी है. निजी अस्पतालों से 600 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इससे संबंधित जांच की जा रही है. 57 लाख परिवार को पूरे राज्य में कैशलेस सुविधा मिले यह सुनिश्चित किया जा रहा है.
164 निजी अस्पताल सूचीबद्ध हो चुके हैं, जहां मरीज इस योजना का लाभ ले सकते हैं. आइएमए के डॉ अमर कुमार सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा उठाया गया यह क्रांतिकारी कदम है. प्रधानमंत्री के इस सपने को हम मिल कर साकार करेंगे. मौके पर राज अस्पताल के योगेश गंभीर, मेडिका अस्पताल के अनिल कुमार, स्वास्थ्य विभाग के निदेशक लक्ष्मण लाल और एनआइसी के प्रतिनिधियों ने एमओयू का आदान-प्रदान किया.
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