रांची: पावर इंजीनियर्स सर्विस एसोसिएशन के सदस्यों ने बिजली महाप्रबंधकों को अंगरक्षक उपलब्ध कराने की मांग है. शुक्रवार को सीएमडी एसएन वर्मा के समक्ष अभियंताओं ने हजारीबाग में विद्युत महाप्रबंधक के साथ हुई घटना पर रोष जताया.
इस मामले को लेकर बिजली के सारे महाप्रबंधक, अधीक्षण अभियंता व पेसा के अधिकारियों ने सीएमडी के साथ बोर्ड मुख्यालय में बैठक की. सीएमडी ने घटना पर अफसोस जताते हुए अभियंताओं को धैर्य रखने की सलाह दी है.
हजारीबाग घटना की निंदा
पावर इंजीनियर्स सर्विस एसोसिएशन के संयोजक प्रशांत चतुर्वेदी ने कहा कि यशवंत सिन्हा समर्थकों द्वारा हजारीबाग के महाप्रबंधक धनेश झा के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया. इसके पूर्व भी 26 मई को दुमका के महाप्रबंधक केके ठाकुर के चेंबर में घुसकर असामाजिक तत्वों ने हाथपाई की थी. उन्होंने कहा कि राजनेता अब मुद्दों को सुलझाने के बजाय राजनीति करने लगे हैं. विद्युत अव्यवस्था के पीछे मुख्य वजह है कि बिना किसी तैयारी के बोर्ड का विखंडन कर दिया गया, जिसके चलते सभी निर्णय लंबित हैं. उन्होंने कहा कि बिजली विभाग में 20 हजार कर्मियों की जरूरत है. इस मौके पर पेसा द्वारा घटना की निंदा की गयी एवं महाप्रबंधक स्तर के सभी अभियंताओं को अंगरक्षक उपलब्ध कराने की मांग की गयी. विद्युत कार्यालय परिसर में 144 लगाने की मांग भी की गयी.