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कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन के सेक्रेटरी से मिले सीएम, कहा, झारखंड में फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में निवेश के लिए आगे आयें
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि भारत की धरती पर चीन के हेनान प्रांत से आनेवाले ह्वेनसांग और फाहियान भारत के इतिहास के अमिट हस्ताक्षर हैं. झारखंड के इटखोरी से ही भगवान बुद्ध की आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत हुई थी. हेनान प्रांत से हमारे अतीत के बेहतर रिश्तों की तरह भविष्य में भी […]
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि भारत की धरती पर चीन के हेनान प्रांत से आनेवाले ह्वेनसांग और फाहियान भारत के इतिहास के अमिट हस्ताक्षर हैं. झारखंड के इटखोरी से ही भगवान बुद्ध की आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत हुई थी. हेनान प्रांत से हमारे अतीत के बेहतर रिश्तों की तरह भविष्य में भी बहुत बेहतर संबंध की अपेक्षा है.
श्री दास ने यह बातें बुधवार को देर शाम चीन के हेनान प्रांत के कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन के सेक्रेटरी वॉन गौसांग के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कही. मुख्यमंत्री ने झारखंड में 29-30 नवंबर को आयोजित होनेवाले ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसमें विश्व के कई देशों के एग्रीकल्चर और फूड प्रोसेसिंग से संबंधित कंपनियां भाग लेंगी. उन्होंने कहा कि हेनान प्रांत में फूड प्रोसेसिंग की लगभग 30 हजार से अधिक कंपनियां काम कर रही हैं.
झारखंड में फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में निवेश के लिए आगे आयें. मुख्यमंत्री ने वॉन गौसांग सहित हेनान प्रांत के प्रतिनिधिमंडल को ग्लोबल एग्रीकल्चर फूड समिट में भाग लेने के लिए आमंत्रण दिया.
दोनों राज्यों के संबंधों को मिलेगा बढ़ावा : वॉन गौसांग ने मुख्यमंत्री रघुवर दास का स्वागत किया.भारत और चीन के बढ़ते संबंध पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि इस साल भारत के प्रधानमंत्री और चीन के राष्ट्रपति के बीच तीन बार मुलाकात हो चुकी है और ये भारत-चीन के कूटनीतिक संबंधों को एक नया आयाम दे रहा है.
इसी के संदर्भ में झारखंड के मुख्यमंत्री की अगुवाई में एक शिष्टमंडल हेनान प्रांत आया है. इससे दोनों राज्यों के संबंधों को भी बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने बताया कि हेनान चीन की सबसे घनी आबादी वाला राज्य है. इसकी आबादी 10 करोड़ है. हेनान एक अच्छा ट्रांसपोर्टेशन हब है. यहां पर हाइ स्पीड रेल नेटवर्क है. साथ ही वाटर-वेज के यहां कई अच्छे पोर्ट्स बने हुए हैं.
हेनान नदी, पहाड़, मैदानी क्षेत्र है. इसके अलावा मिनरल के मामले में भी काफी संपन्न प्रांत है. हेनान की समृद्ध विरासत (हेरिटेज) रही है. यह पूर्व में चीन की राजधानी भी रह चुकी है. चीन के इतिहास में हेनान का अलग महत्व है. वाणिज्यिक दृष्टि से हेनान चीन का पांचवां सबसे बड़ा प्रांत है. हेनान ने कृषि में काफी सराहनीय कार्य किया है. चीन की एक तिहाई कृषि हेनान में होती है.
हेनान में करीब 30 हजार फूड प्रोसेसिंग कंपनियां हैं : वॉन
वॉन ने बताया कि हेनान में करीब 30 हजार फूड प्रोसेसिंग की कंपनियां हैं. फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री का टर्न ओव
र करीब 10 ट्रिलियन है. करीब तीन मिलियन सेलफोन का प्रोडक्शन हेनान में होता है, जो कि चीन के सेलफोन प्रोडक्शन का 1/7 है.
हेनान के साथ झारखंड के अच्छे संबंध स्थापित हो सकते हैं. भारत में इंडस्ट्री के दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है. इसके साथ ये कृषि प्रधान राज्य भी है. श्री वॉन ने झारखंड के विकास दर इज ऑफ डूइंग बिजनेस की प्रशंसा करते हुए कहा यह संभावनाओं से भरा हुआ राज्य है.
इटखोरी से शुरू हुई थी भगवान बुद्ध की आध्यात्मिक यात्रा : सीएम
मुख्यमंत्री ने श्री वॉन को झारखंड के बारे में बताया कि झारखंड भगवान बुद्ध का बहुत बड़ा केंद्र बन सकता है. इटखोरी से भगवान बुद्ध की आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत हुई थी. बुद्धिज्म के दृष्टिकोण से हेनान प्रांत का झारखंड से काफी गहरा नाता स्थापित हो सकता है.
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में गये शिष्टमंडल में ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, भू-राजस्व मंत्री अमर कुमार बाउरी, विकास आयुक्त डीके तिवारी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार बर्णवाल व मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव अंजन सरकार शामिल हैं.
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