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भीमा कोरेगांव मामले में झारखंड में भी छापा, स्टेन स्वामी के घर व दफ्तर से 22 सीडी, लैपटॉप व फोन जब्त

महाराष्ट्र पुलिस की रांची समेत दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना और गोवा में कार्रवाई रांची/नामकुम : महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में मंगलवार को पुणे के विश्रामबाग थाने की पुलिस टीम नामकुम बगईचा पहुंची. यहां पर फादर स्टेन स्वामी के घर और कार्यालय में छापेमारी की. तलाशी के क्रम में स्टेन स्वामी का लैपटॉप, […]

महाराष्ट्र पुलिस की रांची समेत दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना और गोवा में कार्रवाई
रांची/नामकुम : महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में मंगलवार को पुणे के विश्रामबाग थाने की पुलिस टीम नामकुम बगईचा पहुंची. यहां पर फादर स्टेन स्वामी के घर और कार्यालय में छापेमारी की.
तलाशी के क्रम में स्टेन स्वामी का लैपटॉप, 22 सीडी, मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड, एक पेन ड्राइव, डायरी, टैब व पत्रिका के अलावा कुछ एक्टिविस्टों के लेटर आदि जब्त किये. साथ ही स्वामी से पूछताछ भी की. मौके पर पहुंची पुणे पुलिस की टीम ने कहा कि उन्हें पक्की सूचना है कि फादर स्टेन स्वामी का प्रतिबंधित संगठनों से रिश्ता है. इसी आधार पर उनके यहां छापेमारी की जा रही है.
स्वामी पर हिंसा भड़काने में शामिल महाराष्ट्र के एक प्रतिबंधित संगठन के साथ तार जुड़े होने की बात कही जा रही है. बता दें कि बीते जनवरी में हुए भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में देश भर में कई स्थानों पर छापेमारी की गयी है.
छापेमारी के दौरान स्टेन स्वामी व उनके समर्थकों द्वारा यह सवाल उठाया गया कि महाराष्ट्र पुलिस मराठी भाषा में लिखा हुआ नोटिस लेकर आयी थी. इससे पता ही नहीं चल रहा था कि उनके ऊपर आखिर आरोप क्या लगाया गया है. वहां की पुलिस को हिंदी में नोटिस देने को कहा गया है.
इसके बाद ही उन्हें जवाब दिया जायेगा. छापेमारी के दौरान पुणे पुलिस की टीम के साथ नामकुम पुलिस की टीम भी थी. स्टेन स्वामी मूल रूप से तमिलनाडू के रहनेवाले हैं. लगभग 50 वर्षों से आदिवासियों के बीच उनके विकास के लिए काम कर रहे हैं.
भड़के सामाजिक कार्यकर्ता:पुणे पुलिस की छापेमारी के दौरान फादर स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी की अफवाह पर उड़ी. इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला, वासवी किड़ो सहित कई अन्य नामकुम बगईचा पहुंचे. सभी ने पूरे मामले को सरकार का एक षड्यंत्र बताया.
उनका कहना था कि पुलिस जानबूझ कर मराठी में लिखा नोटिस लेकर रांची पहुंची है. यह सबकुछ सरकार की नीतियों के विरोध और पत्थलगड़ी के समर्थन के कारण किया जा रहा है. बुद्धिजीवियों पर ऐसे दमनकारी कदम लोकतंत्र की हत्या के समान है.
स्टेन स्वामी पर खूंटी थाने में दर्ज है केस : देशद्रोह, सोशल मीडिया के माध्यम से पत्थलगड़ी को बढ़ावा देने, सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने, सरकारी योजनाओं का विरोध करने के आरोप में फादर स्टेन स्वामी पर झारखंड के खूंटी थाना में 26 जुलाई 2018 को आइटी एक्ट में एक केस दर्ज किया गया था. मामले की अभी जांच चल रही है.
22 सीडी, लैपटॉप और फोन जब्त
मुझ पर लगाये गये आरोप निराधार हैं. मैं न तो कभी वहां गया हूं और न ही हिंसा की वारदात में मेरा कोई हाथ है. पुलिस को जो भी जांच करनी है, वह कर सकती है.
फादर स्टेन स्वामी, सामाजिक कार्यकर्ता
भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में स्टेन स्वामी के घर से तलाशी के दौरान लैपटॉप, सीडी, टैब, पेन ड्राइव व माेबाइल आदि बरामद किये गये हैं. सबको साइबर फोरेंसिक लैब भेजा जायेगा. दस्तावेज आदि की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
दीपक निगम, इंस्पेक्टर, पुणे पुलिस
वरवर राव, गौतम नवलखा समेत पांच गिरफ्तार
नयी दिल्ली/ पुणे : भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में देश के कई हिस्सों में मंगलवार को पुणे पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों ने कई एक्टिविस्ट व माओवादी समर्थकों के ठिकानों पर छापेमारी की.
ये छापेमारी महाराष्ट्र, गोवा, तेलंगाना, दिल्ली व झारखंड में की गयी. पुणे पुलिस ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी की. पुलिस ने कुल पांच गिरफ्तारियां की. छापे के बाद कवि वरवर राव, अरुण पेरेरा, गौतम नवलखा, वेरनोन गोन्जाल्विस और सुधा भारद्वाज को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया गया.
यह कार्रवाई एल्गार परिषद और नक्सलियों के संपर्क की जांच के बाद की गयी. परिषद के कार्यक्रम में पिछले साल 31 दिसंबर को हिंसा हुई थी.
इस बीच गिरफ्तार किये गये दलित एक्टिविस्ट गौतम नवलखा को दिल्ली हाइकोर्ट से थोड़ी राहत मिली है. हाइकोर्ट ने साकेत कोर्ट की ओर से पुणे पुलिस को दी गयी ट्रांजिट रिमांड पर एक दिन का स्टे लगा दिया.
पुलिस ने नवलखा को गिरफ्तार करके साकेत कोर्ट में पेश किया, जिस पर कोर्ट ने 48 घंटे के ट्रांजिट रिमांड पर आरोपी नवलखा को भेज दिया था. हाइकोर्ट बुधवार की सुबह फिर से नवलखा की याचिका पर सुनवाई करेगा.
दूसरी तरफ वरवरा राव को हैदराबाद के गांधी अस्पताल में मेडिकल चेकअप के बाद नाम्पैली कोर्ट में उन्हें पेश किया गया. उनकी गिरफ्तारी के दौरान वहां काफी भीड़ एकत्र हो गयी थी. मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील सुधा भारद्वाज को फरीदाबाद जिला अदालत में पेश किया गया. पुणे पुलिस ने उन्हें ट्रांजिट रिमांड लिया है.
इससे पहले दिल्ली के बदरपुर में सुधा भारद्वाज को हिरासत में लिया गया था. छापेमारी के दौरान भारद्वाज के लैपटॉप, फोन, पेन ड्राइव सीज किये गये. पुलिस ने उनके सभी ई-मेल के एक्सेस देने को कहा है.
सुधा के साथ-साथ उनकी बेटी अनु भारद्वाज के ई-मेल, सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी भी मांगी गयी. इसके अलावा एक्टिविस्ट अरुण फरेरिया के घर ठाणे में भी छापेमारी की गयी. अरुण पिछले काफी समय से मुंबई में कई आंदोलनों में हिस्सा लेते आ रहे हैं. वह पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं.
क्या है मामला
1818 में हुई कोरेगांव भीमा लड़ाई के 200 साल होने पर पिछले साल 31 दिसंबर को पुणे में एल्गार परिषद का आयोजन किया था. एक जनवरी को कोरेगांव-भीमा में जातीय दंगे भड़क गये थे, जिसमें एक की मौत हो गयी थी.
हिंसा में पांच की गिरफ्तारी के बाद चौंकानेवाला खुलासा हुआ था. पुणे पुलिस को एक आरोपी के घर से ऐसा पत्र मिला था, जिसमें राजीव गांधी की हत्या जैसी प्लानिंग का ही जिक्र किया गया था. इस पत्र में पीएम मोदी को निशाना बनाने की बात भी कही गयी थी.

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