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रांची : 600 से ज्यादा कर्मियों की फंसेगी नौकरी ड्राइवर से सचिव तक पर होगी कार्रवाई
विधानसभा नियुक्ति-प्रोन्नति घोटाले में आयोग की अनुशंसा मानी गयी, तो रांची : विधानसभा में नियुक्ति-प्रोन्नति घोटाले की जांच कर रहे विक्रमादित्य आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट में तीन पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी, आलमगीर आलम और शशांक शेखर भोक्ता पर मामला चलाने की अनुशंसा की है. क्योंकि इन्हीं के कार्यकाल में गड़बड़ी हुई थी. स्पीकर […]
विधानसभा नियुक्ति-प्रोन्नति घोटाले में आयोग की अनुशंसा मानी गयी, तो
रांची : विधानसभा में नियुक्ति-प्रोन्नति घोटाले की जांच कर रहे विक्रमादित्य आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट में तीन पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी, आलमगीर आलम और शशांक शेखर भोक्ता पर मामला चलाने की अनुशंसा की है. क्योंकि इन्हीं के कार्यकाल में गड़बड़ी हुई थी.
स्पीकर श्री नामधारी के कार्यकाल में 274 और आलमगीर आलम के कार्यकाल में 324 नियुक्तियां हुई. इसके अतिरिक्त भी नियम कानून को ताक पर रखकर बीच-बीच में लोग नियुक्त किये गये.
झारखंड विधानसभा ने प्रोन्नति के मामले में भी कीर्तिमान बनाया. एक वर्ष में ही कई लोगों को प्रोन्नत कर दिया. स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता के कार्यकाल में अवैध रूप से नियुक्त सहायकों को प्रोन्नति देकर अफसर भी बनाया गया.
विधानसभा में आलमगीर आलम के समय सहायक पद नेताओं के बीच बांटे गये, तो इन सहायकों को एसओ (प्रशाखा पदाधिकारी) भी बना दिया गया. इनमें कई को 40 से 50 वर्ष की उम्र में भी सहायक के रूप में बहाल किया गया. वर्तमान में कई उप सचिव या अवर सचिव के पद पर कार्यरत हैं. ड्राइवर से लेकर अफसर बनाने में घोटाला हुआ.
आयोग ने सबसे मांगा था जवाब, रिपोर्ट में भी संलग्न
नियुक्ति-प्रोन्नति घोटाले में जिन-जिन लोगों के नाम आये हैं, सबों से आयोग ने जवाब मांगा था. एक-एक कर्मी से जवाब तलब किया गया. आरोपित कर्मचारी, अधिकारियों ने जवाब भी दिया है. सभी लोगों के जवाब रिपोर्ट में संलग्न कर दिये गये हैं.
राजनेताओं से रिश्ते भी प्रमाणित
विधानसभा नियुक्त घोटाले की जांच में आवेदन पत्र से लेकर नियुक्ति के दस्तावेज सभी की जांच हुई है. नियुक्त हुए लोगों के स्थायी पता की जांच करायी गयी है. राजनेताओें से रिश्ते के कई तथ्य सामने आये हैं. उनके साथ उनके संबंध प्रमाणित हुए हैं. पूर्व मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक सहित राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लोगों के रिश्तेदारों के बारे में पुख्ता प्रमाण मिले हैं. जांच के क्रम में जिला स्तर से भी सहयोग लिया गया है.
क्या-क्या हुआ घोटाले में
अनुसेवक के स्वीकृत 75 पद, बहाली हुई 143 लोगों की
नेताओं के रिश्तेदार, करीबी सहायक बने़ 150 सहायकों में सबकी पैरवी-पहुंच रही
बहाली के एक वर्ष बाद ही कर दिया प्रोन्नत, नेताओं के करीबी को बनाया एसओ
50 वर्ष के उम्र वालों को भी नियम शिथिल कर दी नौकर जिनकी नियुक्ति बिहार में कोर्ट ने रद्द की, झारखंड विधानसभा ने बहाल किया
खास क्षेत्र और करीबी लोगों को गलत तरीके से किया गया बहाल
एक दिन में एक साक्षात्कार कमेटी ने लिया 200 से 600 लोगों का इंटरव्यू, साक्षात्कार के लिए थी मात्र एक कमेटी
नामधारी के समय इन पदों पर हुई थी बहाली
पद संख्या
अनुसेवक 143
प्रतिवेदक 24
वरीय प्रतिवेदक 05
लिपिक 12
टंकक 08
चालक 15
वाहन पर्यवेक्षक 3
दफ्तरी 2
अभिलेखक वाहक 2
ट्रेजरी सरकार 2
गेस्टेसनर 1
प्रूफ रीडर 2
फैक्स ऑपरेटर 1
फोटो स्टेट 1
ध्वनि नियंत्रक 1
प्रधान महिला सुरक्षा प्रहरी 1
सुरक्षा प्रहरी (पुरुष) 5
आलमगीर के समय इन पदों पर हुई थी बहाली
पद संख्या
सहायक 150
चालक 25
माली 14
उप मुख्य उद्यान पर्यवेक्षक 01
दरबान 10
निजी सहायक 16
टंकक (टाइपिस्ट) 16
सुरक्षा प्रहरी (महिला) 10
शोध सहायक सह सूचीकार6
प्रशाखा पदाधिकारी (उर्दू) 01
उर्दू सहायक 02
उर्दू अनुवादक 01
उर्दू टंकक 02
प्रधान उर्दू टंकक 01
उर्दू रूटिन क्लर्क 01
कम्यूटर ऑपरेटर उर्दू 01
अनुसेवक उर्दू 01
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