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रांची : मैथिली के प्रसिद्ध आलोचक मोहन भारद्वाज का निधन
रांची : मैथिली साहित्य के मूर्धन्य आलोचक व नामवर सिंह माने जानेवाले मोहन भारद्वाज का मंगलवार की सुबह साढ़े चार बजे निधन हो गया़ वह नौ जुलाई से राज अस्पताल में भरती थे़ साहित्य अकादमी परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे स्व भारद्वाज को प्रबोध साहित्य सम्मान और विदेह सम्मान से सम्मानित किया गया था़ स्व […]
रांची : मैथिली साहित्य के मूर्धन्य आलोचक व नामवर सिंह माने जानेवाले मोहन भारद्वाज का मंगलवार की सुबह साढ़े चार बजे निधन हो गया़ वह नौ जुलाई से राज अस्पताल में भरती थे़ साहित्य अकादमी परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे स्व भारद्वाज को प्रबोध साहित्य सम्मान और विदेह सम्मान से सम्मानित किया गया था़
स्व भारद्वाज का मूल नाम आनंद मोहन झा था़ वह तीन पुस्तकों के अनुवादक व सहयोगी अनुवादक रहे़ पांच पत्रिकाओं का संपादन किया़ मैथिली में आलोचना को नयी भाषा और अर्थ दिये. पठनीयता के साथ मैथिली को दृष्टि, विवेचन शैली, सहज और सरल आयाम दिया़
वह विगत 40 वर्षों से मैथिली भाषा और साहित्य की सेवा में लगे थे़ इस क्रम में उन्होंने कई उल्लेखनीय कार्य किये़ मैथिली आलोचना, सन्नीपात, जिज्ञासा आदि पत्रिकाओं का संपादन करते हुए साहित्य को उत्कृष्टता दी़ उन्होंने महालेखाकार कार्यालय रांची से नौकरी आरंभ की और पटना महालेखाकार कार्यालय से सेवानिवृत्त हुए थे़
पिछले एक वर्षों से बीमार चल रहे थे़ इनके बड़े पुत्र मधुकर भारद्वाज झारखंड विधानसभा में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं. बुधवार की सुबह धुर्वा सीटीओ मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया जायेगा़
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