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स्टेशन पर ग्रामीणों का प्रदर्शन 18 घंटे रूका रहा इंजन का ट्रायल
बारियातू : टोरी-शिवपुर रेल लाइन अंतर्गत अमरवाडीह (बारियातू प्रखंड) पंचायत के चेडरा गांव में नवनिर्मित रेलवे स्टेशन का नाम बदलने को लेकर ग्रामीणों का विरोध थमता नहीं दिख रहा है. रेलवे स्टेशन परिसर में ही सैकड़ों ग्रामीण शुक्रवार की शाम से शनिवार को दोपहर करीब 12.30 तक डटे रहे. इस संबंध में चेडरा गांव के […]
बारियातू : टोरी-शिवपुर रेल लाइन अंतर्गत अमरवाडीह (बारियातू प्रखंड) पंचायत के चेडरा गांव में नवनिर्मित रेलवे स्टेशन का नाम बदलने को लेकर ग्रामीणों का विरोध थमता नहीं दिख रहा है. रेलवे स्टेशन परिसर में ही सैकड़ों ग्रामीण शुक्रवार की शाम से शनिवार को दोपहर करीब 12.30 तक डटे रहे. इस संबंध में चेडरा गांव के लोगों ने बताया कि चेडरा मौजा में करीब 15-20 एकड़ उपजाऊ जमीन का रेलवे ने अधिग्रहण किया है.
रेल लाइन निर्माण के वक्त विभाग के अधिकारियों ने उचित मुआवजा, रेलवे स्टेशन का नाम चेडरा रखने, ग्रामीणों व मवेशियों के आवागमन के लिये ओवरब्रिज का निर्माण तथा साइडिंग परिसर में योग्यता के अनुसार स्थानीय लोगों को रोजगार देने की बात कही गयी थी. ग्रामीणों का आरोप है कि रेल लाइन निर्माण पूर्ण होने के बाद अधिकारियों ने रेलवे स्टेशन का नाम चेडरा न रखकर फुलबसिया रख दिया, ओवरब्रिज का निर्माण भी नहीं किया गया. साथ ही अब तक दर्जनों ग्रामीणों को जमीन का मुआवजा भी नहीं मिला है.
ग्रामीणों के विरोध की सूचना पाकर शुक्रवार की शाम बालूमाथ थाना प्रभारी सनोज चौधरी यहां पहुंचे थे. लोगों का समझाया, बावजूद लोग यहां से नहीं हटे. शनिवार को बारियातू बीस सूत्री अध्यक्ष लव कुमार सिंह ने क्षेत्रीय सांसद सुनील कुमार सिंह को उक्त समस्या की जानकारी दी. बीस सूत्री अध्यक्ष की मानें तो सांसद ने उपायुक्त व एसपी को चेडरा ग्राम के निवासियों की समस्या दूर करने का निर्देश दिया है. थानेदार सनोज चौधरी ने बताया कि इस संबंध में उपायुक्त, एसपी व रेलवे के अधिकारियों से बात हुई है. सोमवार 16 जुलाई को ग्रामीणों की बैठक कर उक्त समस्या का समाधान निकाला जायेगा. इसके बाद ग्रामीण मानें.
रेलवे स्टेशन का नाम चेडरा न रख कर फुलबसिया रखा गया
चेडरा गांव में नवनिर्मित रेलवे स्टेशन का नाम रेलवे ने फुलबसिया रख दिया है. स्थानीय लोग पूर्व से ही इसका विरोध कर रहे थे. शुक्रवार को रेलवे द्वारा बोर्ड में स्टेशन का नाम फुलबसिया अंकित कर दिया गया. ग्रामीणों को जब इसकी सूचना मिली तो शुक्रवार की दोपहर बाद सैकड़ों लोग स्टेशन परिसर पहुंचे. बोर्ड में लिखा नाम पोत दिया. रेलवे लाइन पर ही धरना पर बैठ गये.
लोगों को लगा कि उनके वहां से हटने के बाद रेलवे फिर से बोर्ड पर फुलबसिया अंकित कर देंगा, क्योंकि शनिवार को इस नयी रेल लाइन पर बुकरू से चेडरा तक ट्रायल होना था. इसलिए थाना प्रभारी के समझाने के बाद भी लोग वहां से नहीं हटे. रात भर लोग यहां जमे रहे. शनिवार को करीब 12.30 में लोग मानें, तब जाकर इंजन का ट्रायल हुआ.
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