19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मिशनरी को बदनाम कर रहे हैं सत्ता व प्रशासन में बैठे लोग: बाबूलाल मरांडी

रांची : पूर्व सीएम व झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी व पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की शनिवार को मिशनरीज ऑफ चैरिटी के निर्मल हृदय केंद्र गये व मामले की जानकारी ली. श्री मरांडी ने कहा कि जो भी घटना हुई है, सरकार उसकी जांच कराये. छह वर्ष से काम कर रही कर्मचारी पर विश्वास के कारण […]

रांची : पूर्व सीएम व झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी व पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की शनिवार को मिशनरीज ऑफ चैरिटी के निर्मल हृदय केंद्र गये व मामले की जानकारी ली. श्री मरांडी ने कहा कि जो भी घटना हुई है, सरकार उसकी जांच कराये. छह वर्ष से काम कर रही कर्मचारी पर विश्वास के कारण यह मानवीय भूल हुई है. पर, सत्ता में बैठे लोग व प्रशासन के लोगों की ओर से ऐसी तस्वीरें आ रही हैं, मानो यहां बहुत बड़ी गड़बड़ी हो रही है. सरकार पूरी जांच के बाद तथ्य जारी कर सकती थी. पर यह नहीं किया जा रहा है.
जांच के लिए सरकार के पास सारी एजेंसियां हैं. डीजी ने गृह सचिव को जो पत्र लिखा है, उसमें यह भी कहा है कि यह मामला हमारे हाथ का नही़ं सीबीआइ जांच होगी. यदि सीबीआई से ही जांच होनी है, तो इतना कह सकते थे कि मामले की जांच हो रही है. इसका मतलब हुआ कि ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित संस्था को बदनाम किया जा रहा है.
ताकि समाज को, देश को ऐसा लगे कि ये बच्चे बेच रहे हैं. सरकार का यह बयान आता कि हम इसे बंद कर देंगे. किसे बंद कर देंगे? इन लोग, इतने बच्चाें की हालत क्या होगी. सरकार के पास कोई ढंग की जगह तो हो़ जहां के लोग काम करते हैं, तो उनकी मदद करनी चाहिए. यहां जैसी सेवा हर किसी से संभव नहीं है. निर्मल हृदय में दिव्यांग, बुजुर्ग, मानसिक रूप से कमजोर 71 लोग हैं. यहां उनकी देखरेख किसी अच्छे अस्पताल से कम नहीं होती.
मैं भी बीजेपी, संघ वालों की पाठशाला से आया हूं : आरएसएस द्वारा मदर टेरेसा के भारत रत्न उपाधि वापस लेने की मांग पर उन्होंने कहा कि मदर टेरेसा ने इसकी मांग नहीं की होगी. हम राज्य के सीएम रहे हैं, पर हमें इन लोगों ने कभी नहीं कहा कि ये मदद कीजिये. बीजेपी या संघ वाले इसी तरह से राजनीति करते हैं. पहले कहते थे कि लावारिस बच्चों को पाल कर नन और फादर बनाते हैं.
जब यहां से एक बच्चा अग्रवाल दंपती के पास गया, तो वहां फादर या नन तो नहीं, अग्रवाल ही बनता. मैं बीजेपी या संघ वालों की पाठशाला से आया हूं. वहां क्या-क्या बताया जाता है, पढ़ाया जाता है, वह सुनते थे. ये अनाप-शनाप बोलते रहते हैं क्योंकि उन्हें राजनीति करनी है़
आदिवासी बच्चों को शिक्षित व क्षमतावान बनाते हैं मिशनरी
बाबूलाल ने कहा कि मिशनरियों ने झारखंड के गांवों के कितने आदिवासी बच्चों को पढ़ा-लिखा कर योग्य व क्षमतावान बनाया है. पूरे झारखंड में उनके स्कूलों में जाकर देख लीजिये. इन्होंने भी लगभग हर जिले में सरस्वती शिशु मंदिर खोल रखा है. वहां कितने गरीब के बच्चे पढ़ते हैं? वे गरीबों के बच्चों के लिए कितना काम करते हैं?
उन संस्थानों में यहां के कितने ट्राइबल को ओहदे पर बैठा कर रखा है? मिशनरियों ने जंगलों में भी स्कूल खोला है़ वहीं के बच्चों को पढ़ाते हैं और वहीं के लोग भी शिक्षक भी बने हुए है़ं जिनके पास कुछ नहीं है , वे सिर्फ बोलते हैं, समाज को आपस में लड़ाते हैं. वे शायद 2019 को पार करने के लिए इस तरह की राजनीति कर रहे हैं.
इतनी लंबी सेवा को एक क्षण में दरकिनार नहीं कर सकते : बंधु
पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी के 50-60 वर्षों की सेवा को एक मिनट में दरकिनार नहीं किया जा सकता. मीडिया ट्रायल हो रहा है. शुरू में 280 बच्चों की बात आयी, फिर सरकार का अाधिकारिक बयान आया, जिसमें चार बच्चों की बात थी. इसमें भी तीन की रिकवरी हो चुकी है. दोषियों पर कार्रवाई जरूर होनी चाहिए, पर मीडिया ट्रायल न हो.
जहां तक निर्मल हृदय को सील करने की बात है, मुझे नहीं लगता कि पूरे झारखंड में कहीं भी कोई ऐसा नारी निकेतन, वृद्ध आश्रम या शेल्टर होम है, जहां इस तरह की सेवा होती हो. सरकार कल्याणकारी होती है. किसी को द्वेष में आकर या किसी समुदाय विशेष को टारगेट नहीं करना चाहिए. निर्मल हृदय में जितने भी लोग हैं, वे किसी समुदाय या धर्म विशेष के नही है़ं
सरकार जांच कराये, लेकिन मिशनरी ऑफ चैरिटी की सेवा भी न भूले : बलमुचु
रांची. कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद प्रदीप बलमुचु ने कहा है कि बच्चे के लेन-देन में पैसे की बात आयी है. लेकिन इसमें मिशनरी ऑफ चैरिटी की सिस्टर शामिल नहीं है. अब तक जो बातें मीडिया में आयी है, उससे साफ है कि पैसे के लेन-देन में संस्था की सिस्टर शामिल नहीं है़ सरकार पूरे मामले की जांच कराये. जांच से पहले किसी तरह का कोई आरोप लगाया जाना सही नहीं है.
मिशनरी ऑफ चैरिटी की सेवा को भी नहीं भुलाया जा सकता है. एक घटना से किसी पर आरोप लगाना सही नहीं है. श्री बलमुचु ने कहा कि सरकार को भी अपनी व्यवस्था दुरुस्त करनी चाहिए. बच्चों के गोद लेने के मामले को और भी पारदर्शी बनाया जाना चाहिए. सरकार के अधिकारियों की जिम्मेवारी भी सुनिश्चित होनी चाहिए.
पूर्व सांसद ने कहा कि चैरिटी द्वारा जिस तरह की सेवा की जा रही है, वह प्रशंसनीय है. समाज के ऐसे लोगों की सेवा ये नि:स्वार्थ भाव से करते हैं, जिसके पास अच्छे से अच्छे लोग नहीं जाना चाहेंगे. मानवता के प्रति इस तरह की संस्था का बड़ा योगदान है़

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें